Head Line News

|

http://www.abvbss.com

Santh Shree Murlidhar Ji Vaishnav

21 नव॰ 2017

एन.एन. वैष्णव शिक्षा व चिकित्सा सहायता निधि का शुभारम्भ राजस्थान के एतिहासीक नगर डु्रगरपुर से

                         वैष्णव बैरागी समाज जिला डूंगरपुर का दीपावली स्नेह मिलन एवं जिला सम्मेलन सम्पन्न
                    एन.एन. वैष्णव  शिक्षा व चिकित्सा सहायता निधि का शुभारम्भ राजस्थान के एतिहासीक नगर डु्रगरपुर से 
अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण (चतुः सम्प्रदाय) सेवा संघ मुंबई  के तत्वाधान में समाज के मंहतो वरिष्ठ जनों एवं कल्लाजी अन्नपूर्णा धाम राजपुर के गादीपति सेवा संघ के प्रदेश सचिव श्री गोपालदास वैष्णव के सानिध्य में सेवा संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री दीनदयाल वैष्णव अहमदाबाद के मुख्य आतिथ्य एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री डी.सी.वी. किरण रूपनगढ़, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी श्री कन्हैयालाल वैष्णव बांसवाड़ा,पंडित शैेलेश शर्मा अहमदाबाद, श्री कमल जी अहमदाबाद, सेवा संघ के प्रवक्ता राजेन्द्र वैष्णव बांसवाड़ा, मीडिया प्रभारी कुलदीप गृहस्थी, सेवा संघ बांसवाडा़-डुंगरपुर के प्रभारी एवं भाजपा बांसवाड़ा के जिला मंत्री श्री नरेन्द्र दास वैष्णव, सेवा संघ बांसवाडा के जिलाध्यक्ष श्री मोहनदास वैष्णव, सुरेश जी वैष्णव (एक्स ईएन भु-जल संरक्षण डुंगरपुर), सेवा संघ डुंगरपुर जिलाध्यक्ष श्री नरसिंगदास वैष्णव कोटडा़ की गरीमामय उपस्थिति मे जिला सम्मेलन आयोजित हुआ। सर्व प्रथम अतिथियो को मंचासीन कराया, अम्बादास वैष्णव के मंत्रोच्चार के साथ अतिथियों ने भगवान विष्णु की प्रतिमा पर पुष्पमाला चढ़ाकर एवं दीप प्रज्वलीत कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।
महंतो का किया सम्मान
मोहनदास कल्याणपुर द्वारा श्री योगेश दिवाकर बांसवाड़ा, श्री मुरलीदास रामगढ़, श्री मोतीराम रामगढ़, श्री भगवानदास बन्कोड़ा, श्री निलेश जी जोगीवाड़ा, श्री गोवर्धनदास गोकागढा, श्री कुरीदास मांदलदा, श्री रमेश चन्द्र ओबरी, श्री जगदीश चन्द्र दिवड़ा, श्री विनोद वैष्णव राजपुर, श्री पंकज वैष्णव थाणा, श्री बद्रीदास जी मुगेड़ा का सम्मान परमपरागत तिलक लगाकर एवं साफा पहनाकर किया गया। 
सेवा संघ के प्रदेश सचिव, कल्लाजी अन्नपूर्णा धाम राजपुर के महंत गोपालदास वैष्णव ने स्वागत भाषण दिया और कहा कि जिले के प्रभारी नरेन्द्र दास वैष्णव, प्रवक्ता राजेन्द्र वैष्णव ,कुलदीप गृहस्थी के प्रयासो सें जिले में सेवा संघ का यह दुसरा आयोजन है, हमारा प्रयास समाज को एकजुट कर सभी को साथ मे लेकर समाज का विकास करना है। 
बांसवाड़ा के जिलाध्यक्ष श्री मोहनदास वैष्णव ने कहा कि सेवा  संघ का प्रयास सब का साथ समाज का विकास वागड़ क्षैत्र में नई उर्जा का संचार कर रहा है भाई श्री नरेन्द्र वैष्णव, गोपाल जी वैष्णव के अथक प्रयासो सें सेवा संघ के कार्यो को विचार धारा को हम ढाणी-ढाणी पहुचाने में सफल हुए है। उन्होने सामाजिक संगठन पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में संभाव की नितान्त आवश्यकता है। व्यक्तिगत मन-मुटाव एवं टांग खिचाई की वृति से उपर उठकर हमे हमारी प्रतीभा एवं क्षमता के अनुरूप सामाजिक उन्नयन के प्रयास करते रहना चाहिए। उन्होने मुक्तक एवं गीत के माध्यम से सेवा संघ की गतिविधियो एवं उद्देश्यो पर प्रकाश डाला ।
विजवा माता धाम आसपुर की महंत विमला वैष्णव ने आसपुर धाम के पास समाज के लिए भुमि देने की घोषणा की और कहा कि सभी समाज बन्धु एकजुट होकर समाज के विकास के लिए चिंतन करें तभी समाज आगे बढेगा।
सेवा संघ बांसवाडा-डुंगरपुर जिले के प्रभारी नरेन्द्र दास वैष्णव ने बताया कि डुंगपुर जिले में समाज का यह दुसरा जिला सम्मेंलन है समाज के लोगो की जागरूकता से सेवा संघ के तत्वाधान में भिन्न-भिन्न आयोजन किये जा रहे है, जिसका उद्देश्य सभी समाज जन को एक मंच पर लाकर समाज का चहुमुखी विकास करना हैं। उन्होने इस अवसर पर समाज के भवन निर्माण के लिए 1,11,000/-(एक लाख ग्यारह हजार रू.) देने की घोषणा की तो पुरा पाण्डाल तालीयो से गुंज उठा और कहा कि समाज के कार्य मे तन-मन-धन से सहयोग करते रहें।
प्रदेश अध्यक्ष डी.सी.वी. किरण एन.एन. वैष्णव ने शिक्षा व चिकित्सा सहायता निधि का शुभारम्भ राजस्थान के एतिहासीक नगर डु्रगरपुर मे करते हुए कहा कि इस योजना को सेवा संघ हर प्रदेश के जिला स्तर पर लाॅन्च करेगा शिक्षा निधि योजना का लक्ष्य समाज के जरूरत मंद एवं प्रतिभाशाली युवाओ को पुर्ण शिक्षित करना तथा चिकित्सा निधि से पीडित मानवता की सेवा करने का लक्ष्य पुरा किया जाएगा। उन्होने राजनीति मे वैष्णव समाज को स्थान मिले उसके लिए आगामी जनगणना के दौरान भारत मे निवासरत समस्त जाति बन्धुओ को केवल वैष्णव जाति ही अकिंत करवाने का निवेदन किया जिससें वैष्णव जाति का संख्या बल चिन्हीत हो सके। शिक्षा एवं चिकित्सा निधि एक अनोखा इतिहास रचेगी और दुर छोर पर बैठे समाज बन्धुओ को मदद हो जाएगी।
समारोह के मुख्य अतिथि सेवा संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री दीनदयाल वैष्णव ने 11,000/- के नगद राशि डुंगरपुर जिलाध्यक्ष नरसिंहदास गोटडा को देकर इस महती योजना का श्री गणेश किया। फिर तो देखते ही देखते दान-दाताओ का सैलाब उमड पडा और शुभारम्भ मे ही 1,23,000/- (एक लाख तेबीस हजार रू) का संग्रहण हो गया जो स्वागत योग्य है। उन्होने अपने उदबोधन मे सामाजिक संगठन एवं सामाजिक सदभाव को रेंखाकिंत करते हुए कहा कि मतभेद भले ही हो मनभेद नही होना चाहिए। संगठन मे ही शक्ति है। 
अतिक्ति जिला शिक्षा अधिकारी बांसवाड़ा श्री कन्हैयालाल वैष्णव ने कहा कि व्यक्ति का मन बहुत ही चंचल एवं चलायमान है। मन की गति इतनी तीव्र है कि पलक झपकते ही करोडो मील की यात्रा कर लेती है मन नकारात्मकता को जल्दी ही ग्रहण कर लेता हैं। मनुष्य की सोच सकारात्मक होना जरूरी है। व्यक्ति को अपनी प्रतिभा एवं क्षमता का दोहन समाज व राष्ट्र के विकास के लिए करते रहना चाहिए। उन्होने शिक्षा एवं चिकित्सा प्रकल्प की डुंगरपुर राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष सेवा संघ माननीय डी.सी.वी. किरण द्वारा किये जाने पर अत्यधिक हर्ष अभिव्यक्त किया। 
उत्कृष्ठ समाज सेवा कार्य हेतू - नारायण दास पिता हरिदास गैजी, मोहनदास पिता गंगादास कल्याणपुर, हिम्मतराम पिता दयाराम जी कुण्डा, ईश्वरदास पिता गोतमदास दोसपुर, हरिदास पिता मोतीराम पंचलासा, अर्जुनदास पिता नाथुराम सवगढ, लक्ष्मणदास पिता गुलाबदास रणथौड, भरतदास पिता मकनदास सिमलवाडा, गजेन्द्र पिता रामदास पीठ, हिम्मतराम पिता कुरीदास गढा वेजणीया, मदिणदास पिता नारायण दास ओबरी एवं समाज के प्रतिभाशाली युवक-युवतीयों का सम्मान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री दीनदयाल वैष्णव, प्रदेश अध्यक्ष डी.सी.वी. किरण के द्वारा किया गया।
इस अवसर पर समाज का एक व्यक्ति जो कि कैंसर से पीडित है उसके ईलाज के लिए गौवर्धनदास वैष्णव आंजना के साथ-साथ अन्य समाज बन्धु ने भी राशि देने की घोषणा की।
सेवा संघ के डुंगरपुर जिला अध्यक्ष श्री नरसिंगदास वैष्णव ने आभार व्यक्त किया।
सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतिश जी वैष्णव ने वागड़ क्षैत्र में सफल आयोजन एवं ऐतिहासीक नगरी डुंगरपुर से श्री एन.एन. वैष्णव शिक्षा एवं चिकित्सा सहायता निधि का शुभारम्भ हुआ। शिक्षा निधि आयोजन का लक्ष्य समाज मे युवाओ को पूर्ण शिक्षित करना तथा पीडित मानवता की सेवा मे जरूरत मंद समाज बन्धुओ को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराना है। आगामी राष्ट्रीय कार्यकारीणी की बैठक में समाज के भामाशाहो का सेवा संघ द्वारा सम्मानित किया जायेगा। उन्होने डुंगरपुर जिले में समाज भवन हेतु भूमि देने की घोषणा के लिए विमला वैष्णव - मंहत विजवा माता धाम आसपुर एवं श्री नरेन्द्र दास वैष्णव सेवा संघ प्रभारी बांसवाडा-डुंगरपुर के द्वारा 1,11,000/- घोषणा हेतु आभार व्यक्त किया।
राजेन्द्र वैष्णव, बांसवाड़ा - प्रवक्ता सेवा संघ 

17 सित॰ 2017

वैष्णव ब्राह्मण समाज जिला बंसवाड़ा का जिला सम्मेलन सम्पन

                        वैष्णव ब्राह्मण समाज जिला बंसवाड़ा का जिला सम्मेलन सम्पन 
बांसवाड़ा - अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण (चतुःसंप्रदाय) सेवा संघ मुंबई के तत्वाधान मंे सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतीश जी का भाव “सब का साथ समाज का विकास” को चरीतार्थ करते हुवे वैष्णव सेवा संस्था बांसवाड़ा द्वारा जिला सम्मंेलन का आयोजन किया गया समाज के महंतो प्रबुधजनो के सानीध्य में सम्मेलन हुवा कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायाधीश नाथद्वारा श्री लक्ष्मीकान्त वैष्णव विशिष्ट अतिथि अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी बांसवाड़ा  श्री कन्हैया लाल वैष्णव व अध्यक्षता महंत श्री कुरिदास मादल्दा ने की सर्व प्रथम महंत श्री भगवान दास भीमपुर, योगेश दिवाकर बांसवाड़ा , श्री गोवर्धन दास गढ़ा, श्री पुरषोत्तम दास मादल्दा, श्री बद्रीदास सुगेड, श्री मुरली दास रामगढ़,  श्री रमेश दास ओबरी, सेवा संघ के जिला अध्यक्ष श्री मोहन दास वैष्णव बंसवाड़ा , जिला उपाध्यक्ष श्री नरेंद्र दास वैष्णव , उपाध्यक्ष श्री नितेश बैरागी, राष्ट्रीय प्रवक्ता राजेन्द्र वैष्णव , राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी कुलदीप गृहस्थी, सेवा संघ डुंगरपुर के अध्यक्ष श्री गोपाल दास वैष्णव ,श्री सतीश भण्डारी बांसवाड़ा नगर समाज अध्यक्ष श्री ईश्वरदास वैष्णव, व अतिथियों को मंचासीन करवाया गया  श्री अम्बादास वैष्णव ने मंत्रोचार के साथ अतिथि द्वारा भगवान विष्णु की प्रतिमा पर पुष्पमाला व दीप प्रज्वलित कर सम्मेलन का शुभारंभ किया।
रीतिका वैष्णव व दल ने अतिथियों के स्वागत में स्वागत गीत गाया श्री मुकेश वैष्णव ने महंतो का परम्परागत तिलक लगाकर स्वागत किया , श्री सेवादास वैष्णव , श्री गोवर्धन दास आंजना, श्री तुलसी दास आंजना , लक्ष्मण दास पराहेड़ा, रतनदास पिंडारमा, श्री गिरवर दास जौलाना, श्री योगेश मादल्दा ,डॉ पूर्णब्रहम गढ़ी, श्री गंगा दास सरेडी, श्री केलाश भण्डारी भिम्सौर, श्री अमरदास डड्डुका, श्री चेतन दास गामड़ी, श्री हरीश चन्द्र चैपासाग, द्वारा अतिथियों का पूष्प माला से स्वागत किया महंतो व मुख्य अतिथि श्री लक्ष्मीकान्त वैष्णव, विशिष्ट अतिथि ,श्री कन्हैया लाल वैष्णव, श्री नरेन्द्र दास वैष्णव, श्री मोहन दास वैष्णव, नितेश बैरागी को सेवा संघ के सदस्यों ने पगड़ी बांध कर स्वागत किया।
महंत गोवर्धन दास वैष्णव ने स्वागत भाषण मे कहा की वैष्णव सेवा संस्था द्वारा जिले मंे सामाजिक सेर्वे का अभियान चलाया जा रहा हे जिसमंे आप सभी को सहयोग करना हे जिले के हर व्यक्ति का इस मंे सर्वे हो इसके लिये सभी को जागरूक भी करना होगा ।
वैष्णव सेवा संस्था के अध्यक्ष व सेवा संघ के जिला उपाध्यक्ष श्री नरेन्द्र दास वैष्णव ने अपने भाषण में कहा कि बंासवाड़ा जिले में वैष्णव समाज बंधु काफी सांख्य मंे हे व हर क्षेत्र मे बसे हुवे हे समाज के लोगों को अपनी राजनैतीक ताकत बताने की आवश्यकता हे क्योकिं पार्टिया व सरकारे वोट बैंक के आगे झुकती हैं इस लिये किसी गांव या ढाणी मंे यदि कोई एक भी परिवार रहता हेे तो वह स्वाभिमान से रहता हे और सो सो वोटरों पर अपनी पकड़ रखता हे सेवा संघ द्वारा भव्य दीपावली स्नेह मिलन रखा गया जिसमंे आप सभी ने सर्व मत से मुझे अध्यक्ष चुना मोहन दास जी राजेन्द्र जी कुलदीप जी ओर आप सभी के सामूहिक प्रयास से वैष्णव समाज जिला बंासवाड़ा का पंजीयन सोसाइटी एक्ट के तहत करवाया गया व जिले के सभी क्षेत्रो का समान प्रतिनिधित्व उसमंे रखा गया वैष्णव सेवा संस्था द्वारा सामाजिक सर्वे का काम जारी हे और हम समाज की स्मारिका को बनाने के प्रयास में लगे हुवे हे वैष्णव सेवा संस्था का उद्देश्य सभी को साथ मे लेकर समाज का विकास करना संस्था द्वारा सामूहिक विवाह , संभाग स्तरीय सम्मेंलन भी आगामी वर्षो में किया जायेगा ।
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी कुलदीप गृहस्थी ने कहा कि सेवा संघ द्वारा राष्ट्रीय स्तर पर सामाजिक समरसता को बढ़ाने के लिये कई कार्यक्रम किये जा रहे हे रक्त दान शिविर, व्रक्षारोपण, दीपावली स्नेह मिलन, जिला सम्मेलन तेहसील सम्मेलन स्द्स्यता अभियान जिसका आयोजन हम समय समय पर  आप सभी के सहयोग से करते आरहे हे फिर भी कुछ असंतुष्ठ लोग समाज के लोगों को तोड़ने व विघठन फेलाने का कार्य कर रहे हे हम हर आयोजन में सभी को बुलाते हे मान देते हे सम्मान देते हे फिर भी वे बाज नही आरहे हे समाज हीत के कार्य कोई कर रहा हे सहयोग नाकरे तो कोईबात नही कम से कम उसका  होसला तो न  तोड़ें ।
सेवा संघ के जिला उपाध्यक्ष नीतेश बैरागी ने भाषण में कहा कि मोहन दास जी , नरेन्द्र जी , राजेन्द्र जी व कुलदीप जी की मेहनत रंग लारही हे जिसकी बदौलत आज हम सभी इतनी संख्या मे यहां पर बेठे हुवे है पिछले दिनों सामाजिक सेर्वे के कार्य के लिये कुशलगढ़ आये थे और हर क्षेत्र में ये जाते है समाज के लोगों से मिलते हे कितना दौड़्ते हे ये लोग किस के लिये दौड़्ते हे हमारे लिये फिर भी कोई इनके कार्य से संतुष्ट नही हे तो वे आखिर क्या चाहते समाज सब जानता है के कोन सही मायने में कार्य कर रहा हे हम सभी को एक होकर समाज का विकास करना है ।
जिला अध्यक्ष मोहन दास वैष्णव ने कहा कि सेवा संघ के तत्वाधान जिले में अनवरत कार्यक्रम चल रहे हे संघटनात्मक ढ़ाचे से ही समाज का विकास संभव हे और इसी लिये हमने सभी को एक मंच पर लाने के लिये वैष्णव समाज की संस्था का पंजीयन कराया जोकि आने वाले समय मे निव का पत्थर साबित होगा और समाज आगे बढ़ेगा ।
महंत कुरी दास जी ने कहा कि मै अपने जीवन में समाज की ऐसी लीला पहली बार देख रहा हु जिसमंे समाज के लोग जिला सम्मेलन के माध्यम से एकत्रित होकर समाज विकास के लिये चिंतन कर रहे हे उन्होने सेवा संघ व गोवेर्धन दास आंजना को इस आयोजन के लिए आभार ज्ञापित किया।
अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी श्री कन्हैया लाल वैष्णव ने अपने भाषण मंे कहा कि आज हर क्षेत्र में समाज बन्धु आगे है सरकारी क्षेत्र हो या निजी क्षेत्र और यह सार्थक शिक्षा से हुवा हे उन्होने समाज विकास के लिये शिक्षा को जरूरी बताया व समाज को ग्रुप शिक्षा की और अग्रसर होने की आवश्यकता है इसके लिये सामूहिक प्रयास करने होगे समाज कार्य व समाज के विकास के लिये युवाओ को आगे लाना होगा नेत्रत्व उन्हे देना होगा उनके साथ रहकर देख रेख हमे करनी होगी तभी समाज का विकास रफ्तार के साथ होगा ।
मुख्य अतिथि न्यायाधीश नाथद्वारा श्री लक्ष्मीकान्त वैष्णव ने समाज को संबोधित करते हुवे कहा कि समाज के विकास के लिये सोसायटी एक्ट में पंजीयन पहली प्राथमिकता हे बिना पंजीयन के कही पर किसी भी चीज के लिये आप दावेदार नही बनते हो समाज के जो भी लोग इस कार्य के लिये आगे आये हे वे बधाई के पात्र हे समाज का विकास सामाजिक एकता मंे हे संगठित समाज सब कुछ हासिल कर सकता हे उन्होने सेवा संघ के सदस्यता अभियान जन गणना सामाजिक सेर्वे के कार्य की प्रसंशा की उन्होने कहा की सर्वे कोन कर रहा हे कोन करा रहा हे सामाजिक सोसाइटी का पंजीयन किसने कराया कोन कोन सदस्य थे उससे क्या फर्क पड़ता हे पंजीयन का अपना एक्ट हे व सारे कार्य एक्ट के अनुसार ही होते हे बस हमंे संगठित हो कर समाज का विकास करना हे यह भाव अपने मन मंे होना चाहियंे समाज के लोग अपने स्तर पर यह कार्य कर रहे हे तो हम उसमें सहयोग तो कर ही सकते हे इस प्रकार के आयोजन होते रहने चाहिये जिससे समाज मंे एकता व समरसता बनी रहती हे व समाज विकास की ओर अग्रसित होता है।
श्री गोवर्धन दास वैष्णव को आयोजन व वीरेन्द्र कुमार को राजकीय सेवा में चयनित होने पर मंच से सफा पहना कर अभिनंदन किया ।
सामाजिक सर्वे पूर्ण करने के लिये डॉ पूर्णब्रहम वैष्णव गढ़ी, श्री सेवादास वैष्णव फलाबरा, श्री अम्बादास वैष्णव बालावाड़ा श्री नितेश बैरागी कुशलगढ़, श्री प्रमोद वैष्णव आंजना, श्री महेन्द्र वैष्णव भीमपुर, श्री रजत वैष्णव पड़ाल, श्री कैलाश भण्डारी भीमसौर, श्री मनोज वैष्णव ओम्बाड़ा, श्री प्रेम दास तोरना, श्री नीतेश वैष्णव घाटोल, श्री पवन वैष्णव मादल्दा, श्री जगदीश वैष्णव आमजा, जया वैष्णव शीतल भण्डारी बांसवाड़ा, को स्मानित किया गया ।    
आयोजन का संचालन शिवदास वैष्णव ,व आभार श्री सेवा दास फलाबारा ने ज्ञापित किया ।

राजेन्द्र वैष्णव - प्रवक्ता 
9887707878
   
    



21 जन॰ 2017

भारत भर के वैष्णव समाज जन ने जगदगुरु रामानन्दाचार्य जी की 717 वी जयंती हर्षो उल्लास के साथ से मनाई ।

 जगदगुरु रामानन्दाचार्य जी की 717 वी जयंती हर्षो उल्लास के साथ से    मनाई ।    
अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण (चतुः) संप्रदाय सेवा संघ मुंबई के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतीश वैष्णव के आव्हान
पर भारत भर के वैष्णव समाज जन ने जगदगुरु रामानन्दाचार्य जी की 717 वी जयंती माध कृष्ण सप्तमी विक्रम संवत 2073 , दिनांक 19- 01-2017 गुरुवार को हर्षो उल्लास के साथ मनाई ।    
रामानंद़ को मध्यकालीन भक्ति आंदोलन का महान संत माना जाते है। उन्होंने रामभक्ति की धारा को समाज के निचले तबके तक पहुंचाया.वे पहले ऐसे आचार्य हुए जिन्होंने उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार किया। उनके बारे में प्रचलित कहावत है कि - द्वविड़ भक्ति उपजौ-लायो रामानंद.यानि उत्तर भारत में भक्ति का प्रचार करने का श्रेय स्वामी रामानंद को जाता है। उन्होंने तत्कालीन समाज में ब्याप्त कुरीतियों जैसे छूयाछूत, ऊंच-नीच और जात-पात का विरोध किया 
आरंभिक जीवन 
स्वामी रामानंद का जन्म प्रयाग(इलाहाबाद) में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम सुशीला देवी और पिता का नाम पुण्य सदन शर्मा था। आरंभिक काल में हीं उन्होंने कई तरह के अलौकिक चमत्कार दिखाने शुरू किये.धार्मिक विचारों वाले उनके माता-पिता ने बालक रामानंद को शिक्षा पाने के लिए काशी के स्वामी राधवानंद के पास श्रीमठ भेज दिया. श्रीमठ में रहते हुए उन्होंने वेद, पुराणों और दूसरे धर्मग्रंथों का अध्ययन किया और प्रकांड विद्वान बन गये। पंचगंगा घाट स्थित श्रीमठ में रहते हुए उन्होंने कठोर साधना की उनके जन्म दिन को लेकर कई तरह की भ्रंतियां प्रचलित है लेकिन अधिकांश विद्वान मानते हैं कि स्वामीजी का जन्म 1400 ईस्वी में हुआ था। यानि आज से कोई सात सौ दस साल पहले.
शिष्य परंपरा 

स्वामी रामानंद ने राम भक्ति का द्वार सबके लिए सुलभ कर दिया. उन्होंने अनंतानंद, भावानंद, पीपा, सेन, धन्ना, नाभा दास, नरहर्यानंद, सुखानंद, कबीर, रैदास, सुरसरी, पदमावती जैसे बारह लोगों को अपना प्रमुख शिष्य बनाया, जिन्हे द्वादश महाभागवत के नाम से जाना जाता है। इनमें कबीर दास और रैदास आगे चलकर काफी ख्याति अर्जित किये. कबीर औऱ रविदास ने निर्गुण राम की उपासना की.इस तरह कहें तो स्वामी रामानंद ऐसे महान संत थे जिसकी छाया तले सगुण और निर्गुण दोनों तरह के संत-उपासक विश्राम पाते थे। जब समाज में चारो ओर आपसी कटूता और वैमनस्य का भाव भरा ङुआ था, वैसे समय में स्वामी रामानंद ने नारा दिया-जात-पात पूछे ना कोई-ङरि को भजै सो हरी का होई. उन्होंने सर्वे प्रपत्तेधिकारिणों मताः का शंखनाद किया और भक्ति का मार्घ सबके लिए खोल दिया. उन्होंने महिलाओं को भी भक्ति के वितान में समान स्थान दिया. उनके द्वारा स्थापित रामानंद सम्प्रदाय या रामावत संप्रदाय आज वैष्णवों का सबसे बड़ा धार्मिक जमात है। वैष्णवों के 52 द्वारों में 36 द्वारे केवल रामानंदियों के हैं। इस संप्रदाय के संत बैरागी भी कहे जाते हैं। इनके अपने अखाड़े भी हैं। यूं तो रामानंद सम्प्रदाय की शाखाएं औऱ उपशाखाएँ देश भर में फैली हैं। लेकिन अयोध्या,चित्रकूट,नाशिक, हरिद्वार में इस संप्रदाय के सैकड़ो मठ-मंदिर हैं। काशी के पंचगंगा घाट पर अवस्थित श्रीमठ, दुनिया भर में फैले रामानंदियों का मूल गुरुस्थान है। दूसरे शब्दों में कहें तो काशी का श्रीमठ हीं सगुण और निर्गुण रामभक्ति परम्परा और रामानंद सम्प्रदाय का मूल आचार्यपीठ है। वर्तमान में जगदगुरू रामानंदाचार्य स्वामी श्रीरामनरेशाचार्यजी महाराज, श्रीमठ के गादी पर विराजमान हैं। वे न्याय शास्त्र के प्रकांड विद्वान हैं और संत समाज में समादृत हैं।
भक्ति-यात्रा 
=========
स्वामी रामानंद ने भक्ति मार्ग का प्रचार करने के लिए देश भर की यात्राएं की.वे पुरी औऱ दक्षिण भारत के कई धर्मस्थानों पर गये और रामभक्ति का प्रचार किया। पहले उन्हें स्वामी रामनुज का अनुयाय़ी माना जाता था लेकिन श्रीसम्प्रदाय का आचार्य होने के बावजूद उन्होंने अपनी उपासना पद्धति में ऱाम और सीता को वरीयता दी. उन्हें हीं अपना उपास्य बनाया.राम भक्ति की पावन धारा को हिमालय की पावन ऊंचाईयों से उतारकर स्वामी रामानंद ने गरीबों और वंचितों की झोपड़ी तक पहुंचाया. वे भक्ति मार्ग के ऐसे सोपान थे जिन्होंने वैष्णव भक्ति साधना को नया आयाम दिया.उनकी पवित्र चरण पादुकायें आज भी श्रीमठ, काशी में सुरक्षित हैं, जो करोड़ों रामानंदियों की आस्था का केन्द्र है। स्वामीजी ने भक्ति के प्रचार में संस्कृत की जगह लोकभाषा को प्राथमिकता गी.उन्होंने कई पुस्तकों की रचना की जिसमें आनंद भाष्य पर टीका भी शामिल है।वैष्णवमताब्ज भाष्कर भी उनकी प्रमुख रचना है।
चिंतनधारा 
========
भारतीय धर्म, दर्शन, साहित्य और संस्कृति के विकास में भागवत धर्म तथा वैष्णव भक्ति से संबद्ध वैचारिक क्रांति की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। वैष्णव भक्ति के महान संतों की उसी श्रेष्ठ परंपरा में आज से लगभग सात सौ नौ वर्ष पूर्व स्वामी रामानंद का प्रादुर्भाव हुआ। उन्होंने श्री सीताजी द्वारा पृथ्वी पर प्रवर्तित विशिष्टाद्वैत (राममय जगत की भावधारा) सिद्धांत तथा रामभक्ति की धारा को मध्यकाल में अनुपम तीव्रता प्रदान की. उन्हें उत्तरभारत में आधुनिक भक्ति मार्ग का प्रचार करने वाला और वैष्णव साधना के मूल प्रवत्र्तक के रूप में स्वीकार किया जाता है। एक प्रसिद्ध लोकोक्ति के अनुसार-
भक्ति द्रविड़ ऊपजी, लायो रामानंद.
रामानंद का समन्वयवाद 
=================
तत्कालीन समाज में विभिन्न मत-पंथ संप्रदायों में घोर वैमनस्यता और कटुता को दूर कर हिंदू समाज को एक सूत्रबद्धता का महनीय कार्य किया। स्वामीजी ने मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम को आदर्श मानकर सरल रामभक्ति मार्ग का निदर्शन किया। उनकी शिष्य मंडली में जहां एक ओर कबीरदास, रैदास, सेननाई और पीपानरेश जैसे जाति-पाति, छुआछूत, वैदिक कर्मकांड, मूर्तिपूजा के विरोधी निर्गुणवादी संत थे तो दूसरे पक्ष में अवतारवाद के पूर्ण समर्थक अर्चावतार मानकर मूर्तिपूजा करने वाले स्वामी अनंतानंद, भावानंद, सुरसुरानंद, नरहर्यानंद जैसे सगुणोपासक आचार्य भक्त भी थे। उसी परंपरा में कृष्णदत्त पयोहारी जैसा तेजस्वी साधक और गोस्वामी तुलसीदास जैसा विश्व विश्रुत महाकवि भी उत्पन्न हुआ। आचार्य रामानंद के बारे में प्रसिद्ध है कि तारक राममंत्र का उपदेश उन्होंने पेड़ पर चढ़कर दिया था ताकि सब जाति के लोगों के कान में पड़े और अधिक से अधिक लोगों का कल्याण हो सके. उन्होंने नारा दिया था-
“जाति-पाति पूछे न कोई.
हरि को भजै सो हरि का होई.“
आचार्यपाद ने स्वतंत्र रूप से श्रीसंप्रदाय का प्रवर्तन किया। इस संप्रदाय को “रामानंदी अथवा वैरागी“ संप्रदाय भी कहते हैं। उन्होंने बिखरते और नीचे गिरते हुए समाज को मजबूत बनाने की भावना से भक्ति मार्ग में जाति-पांति के भेद को व्यर्थ बताया और कहा कि भगवान की शरणागति का मार्ग सबके लिए समान रूप से खुला है-
सर्व प्रपत्तिधरकारिणो मताः
कहकर उन्होंने किसी भी जाति-वरण के व्यक्ति को राममंत्र देने में संकोच नहीं किया। चर्मकार जाति में जन्मे रैदास और जुलाहे के घर पले-बढ़े कबीरदास इसके अनुपम उदाहरण हैं।
रचना संसार 
==========
स्वामी रामानन्दाचार्य द्वारा विरचित पुस्तकों की सूची इस प्रकार हैः
(1) वैष्णवमताब्ज भास्करः (संस्कृत),
(2) श्रीरामार्चनपद्धतिः (संस्कृत),
(3) रामरक्षास्तोत्र (हिन्दी),
(4) सिद्धान्तपटल (हिन्दी),
(5) ज्ञानलीला (हिन्दी),
(6) ज्ञानतिलक (हिन्दी),
(7) योगचिन्तामणि (हिन्दी)
(7) सतनामी पंथ (हिन्दी)
’आनन्दभाष्य’ नाम से जगदगुरु रामानन्दाचार्य जी ने प्रस्थानत्रयी का भाष्य लिखा है।
धार्मिक अवदान 
============
मध्ययुगीन धर्म साधना के केंद्र में स्वामी जी की स्थिति चतुष्पथ के दीप-स्तंभ जैसी है। उन्होंने अभूतपूर्व सामाजिक क्रांति का श्रीगणेश करके बड़ी जीवटता से समाज और संस्कृति की रक्षा की. उन्हीं के चलते उत्तरभारत में तीर्थ क्षेत्रों की रक्षा और वहां सांस्कृतिक केंद्रों की स्थापना संभव हो सकी. उस युग की परिस्थितियों के अनुसार, वैरागिनी साधु समाज को अस्त्र-शस्र से सज्जित अनी के रूप में संगठित कर तीर्थ-व्रत की रक्षा के लिए, धर्म का सक्रिय मूर्तिमान स्वरूप खड़ा किया। तीर्थस्थानों से लेकर गांव-गांव में वैरागी साधुओं ने अखाड़े स्थापित किए. मूल्य ह्रास की इस विषम अवस्था में भी संपूर्ण संसार में रामानंद संप्रदाय के सर्वाधित मठ, संत, रामगुणगान, अखंड रामनाथ संकीर्तन आज भी व्यवस्थित हैं और सर्वत्र आध्यामिक आलोक प्रसारित कर रहे हैं। वैष्णवों के बावन द्वारों में सर्वाधिक सैंतीस द्वारे इसी संप्रदाय से जुड़े हैं। इसके अतिरिक्त भी फैली इसकी शाखा, प्रशाखा और अवान्तर शाखाएं जैसे- रामस्नेही, कबीरदासी, घीसापंथी, दादूपंथ आदि नामों से इस संप्रदाय की मूलभावना की संवाहिका बनी हैं। यह स्वामी रामानंद के ही व्यक्तित्व का प्रभाव था कि हिंदू-मुस्लिम वैमनस्य, शैव-वैष्णव विवाद, वर्ण-विद्वेष, मत-मतांतर का झगड़ा और परस्पर सामाजिक कटुता बहुत हद तक कम हो गई। उनके ही यौगिक शक्ति के चमत्कार से प्रभावित होकर तत्कालीन मुगल शासक मोहम्मद तुगलक संत कबीरदास के माध्यम से स्वामी रामानंदाचार्य की शरण में आया और हिंदुओं पर लगे समस्त प्रतिबंध और जजियाकर को हटाने का निर्देश जारी किया। बलपूर्वक इस्लाम धर्म में दीक्षित हिंदुओं को फिर से हिंदू धर्म में वापस लाने के लिए परावर्तन संस्कार का महान कार्य सर्वप्रथम स्वामी रामानंदाचार्च ने ही प्रारंभ किया। इतिहास साक्षी है कि अयोध्या के राजा हरिसिंह के नेतृत्व में चैंतीस हजार राजपूतों को एक ही मंच से स्वामीजी ने स्वधर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया था। ऐसे महान संत, परम विचारक, समन्वयी महात्मा का प्रादुर्भाव तीर्थराज प्रयाग में एक कान्यकुब्ज ब्राह्मण परिवार में हुआ था। जन्मतिथि को लेकर मतभेद होने के बावजूद रामानंद संप्रदाय में मान्यता है कि आद्य जगद्गुरू का प्राकट्य माघ कृष्ण सप्तमी संवत् 1356 को हुआ था। इनके पिता का नाम पंडित पुण्य सदन शर्मा और माता का नाम सुशीला देवी था। धार्मिक संस्कारों से संपन्न पिता ने रामानंद को काशी के श्रीमठ में गुरू राघवानंद के सानिध्य में शिक्षा ग्रहण के लिए भेजा. कुशाग्रबुद्धि के रामानंद ने अल्पकाल में ही सभी शास्त्रों, पुराणों का अध्ययन कर प्रवीणता प्राप्त कर ली. गुरू राघवानंद और माता-पिता के दबाव के बावजूद उन्होंने गृहस्थाश्रम स्वीकार नहीं किया और आजीवन विरक्त रहने का संकल्प लिया। ऐसे में स्वामी रामानंद को रामतारक मंत्र की दीक्षा प्रदान की. रामानंद ने श्रीमठ की गुह्य साधनास्थली में प्रविष्ट हो राममंत्र का अनुष्ठान तथा अन्यान्य तांत्रिक साधनाओं का प्रयोग करते हुए घोर तपश्चर्या की. योगमार्च की तमाम गुत्थियों को सुलझाते हुए उन्होंने अष्टांग योग की साधना पूर्ण की. दीर्घायुष्य प्राप्त करने के कारण जगद्गुरू राघवानंद ने अपने तेजस्वी और प्रिय शिष्ट रामानंद को श्रीमठ पीठ की पावन पीठ पर अभिषिक्त कर दिया. अपने पहले संबोधन में ही जगदगुरू रामानंदाचार्य ने हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं अंधविश्वासों को दूर करने तथा परस्पर आत्मीयता एवं स्नेहपूर्ण व्यवहार के बदौलत धर्म रक्षार्थ विराट संगठित शक्ति खड़ा करने के संकल्प व्यक्त किया। काशी के परम पावन पंचगंगा घाट पर अवस्थित श्रीमठ, आचार्यपाद के द्वारा प्रवाहित श्रीराम प्रपत्ति की पावनधारा के मुख्यकेंद्र के रूप में प्रतिष्ठित होकर उसी ओजस्वी परंपरा का अनवरत प्रवर्तन कर रहा है। आज भी श्रीमठ आचार्यचरण की परिकल्पना के अनुरूप उनके द्वारा प्रज्ज्वलित दीप से जनमानस को आलोकित कर रहा है। यही वह दिव्यस्थल है, जहां विराजमान होकर स्वामीजी ने अपने परमप्रतापी शिष्यों के माध्यम से अपनी अनुग्रहशक्ति का उपयोग किया था। रामानंदाचार्च पीठ का पवित्र केंद्र सारे देश में फैले रामानंद संप्रदाय का मुख्यालय है। श्रीमठ में अवस्थित रामानंदाचार्च की चरणपादुका दुनियाभर में बिखरे रामानंदी संतों, तपस्वियों एवं अनुयायियों की श्रद्धा का अन्यतम बिंदु है।
अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण (चतुः) संप्रदाय सेवा संघ मुंबई के आव्हान पर भारत भर में सेवा संघ की ईकाईयो ,सहयोगी संस्थाओ व समाज जन द्वारा जगतगरु श्री मद स्वामी श्री रामानन्दाचार्य जयंती को महोत्सव को मनाया इस अवसर पर सेवा संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी,  वरिष्ठ समाज जन के नेत्रत्व मे कही शोभा यात्रा निकाली गई तो कही पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भजन सत्संग, प्रतिभा सम्मान कर जयंती महोत्सव को मनाया गया ।   

सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतीश वैष्णव ने वैष्णव बैरागी समाज के आराध्य और हिन्दू धर्मरक्षक रामानन्दाचार्यजी की जयंती  की 717 वी जयंती म्होत्सव को धूम धाम से मनाने के लिये समाज के सभी संघटनों व समाज जन को आभार ज्ञापित किया ।

राजेन्द्र वैष्णव , प्रवकता सेवा संघ मुंबई 9887707878

जगदगुरु श्री रामानंदाचार्य की 717 वी जयंती हर्षोलास के साथ मनाई ।


बांसवाड़ा - जिला अध्यक्ष श्री मोहन दास वैष्णव के नेत्रत्व मे जगदगुरु श्री रामानंदाचार्य की 717 वी जयंती हर्षोलास के साथ मनाई ।
आखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण (चतुः) संप्रदाय सेवा संघ मुंबई के तत्वाधान मे वैष्णव समाज मोटा गढ़ा मादलदा मण्डल जिला बांसवाड़ा द्वारा भगोरेशवर महादेव परिसर भगोरा मे दिनांक 19 जनवरी 2017 को जगदगुरु श्री रामानंदाचार्य की 717 वी जयंती हर्षोलास के साथ मनाई गई । 
कार्यक्रम का शुभारम्भ भगवान विष्णु व जगदगुरु श्री रामानंदाचार्य की प्रतिमा पर माला व दीप प्रज्वलित कर किया ईश वंदना सुश्री नेहा प्रणय दल द्वारा की गई मुख्य अतिथि  महंत श्री भगवान दास  भीमपुर थे व अध्यक्षता महंत श्री कुरीदास दास मादलदा , विशिष्ट अतिथि सेवा संघ के जिला अध्यक्ष श्री मोहन दास वैष्णव , वैष्णव समाज बांसवाड़ा के अध्यक्ष श्री ईश्वर दास वैष्णव , सेवा संघ बांसवाड़ा के प्रभारी व उपाध्यक्ष श्री नरेन्द्र दास वैष्णव पड़ाल , श्री नाथु दास जाफरा , श्री नानु राम वैष्णव , देविदास आग्रावत,  श्री शिवशंकर वैष्णव , राष्ट्रीय प्रवकता सेवा संघ श्री राजेन्द्र वैष्णव , मीडिया प्रभारी श्री कुलदीप गृहस्थी , युवा सेवा संघ जिला अध्यक्ष श्री सतीश भण्डारी बांसवाड़ा , श्री गोपाल दास वैष्णव राजपुर , भगवान दास वैष्णव, श्री रमेश दास वैष्णव ओबरी , बद्री दास वैष्णव मुगेड़ा ,का बारी बारी से मण्डल के सदस्यो द्वारा स्वागत किया गया ।
महंत गोवार्धन दास वैष्णव ने जय श्री राम के उद्घोष के साथ अतिथि यो का स्वागत किया जिससे सारा सभागार भक्ति मय होउठा ।
जिला अध्यक्ष श्री मोहन दास वैष्णव ने रामानन्दाचार्य की जीवनी पर आलेख पढ़ कर सुनाया साथ ही मधुर कविता से सामाजिक ऐकजुठता मेही समाज का विकास सम्भवहे यह संदेश भी दिया उन्होने गढ़ा मादलदा मण्डल द्वारा सुन्दर आयोजन करने व बंसवाड़ा मे इसे निरंतर जारी रखने को कहा ताकि आने वाली पिढ़ी हमारे आराध्य गुरु के विषय मे जान सके यह हमारी नेतिक जीमवेदारी हे ।
बांसवाड़ा समाज के अध्यक्ष श्री ईश्वर दास वैष्णव ने श्री रामानन्दाचार्य के विषय मे जानकारी के साथ राजनीति पर जाती का संख्या बल दिखे इसके लिए सामाजिक सर्वे करने समाज का डाटा बेस बनाने व एक विवरणिका तेयार करने का सुझाव दिया मंदिर डोली भूमि पर भी समाज के लोगो को चेत कर रहने व अपना कार्य भगवान की सेवा पूजा ईमानदारी के साथ करने के साथ ही अपनी भूमि के राजस्व रेकॉर्ड मे अपना नाम दर्ज कराने के प्रयास जारी रखने को कहा साथ ही उन्होने सामाजिक कुरीतियो को कम करने का आग्रह भी किया ।
राजपुर कलाजी धाम के महंत सेवा संघ के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष गोपाल दास वैष्णव ने बंसवाड़ा मे सेवा संघ के आयोजन की प्रसंशा की साथ ही उन्होने अपने क्षेत्र मे भी जिला सम्मेलन रखने व व सभी को आने का आग्राह किया ।
बंासवाड़ा समाज के कोषाध्यक्ष श्री शिवशंकर वैष्णव ने समाज के सभी लोगो को मिलजुल कर रहने व साथ ही समाज के बच्चों को पढ़ाई के लिये आर्थिक मदद की आवश्यकता होतो संपर्क करने को कहा ।
सेवा संघ के जिला प्रभारी नरेन्द्र दास वैष्णव ने समाज के सभी लोगो का प्रतिनिधित्व रेहे ऐसी संस्था बना कर समूहिक कोष बने जो समाज के जरूरतमद बच्चों की शिक्षा पर खर्च करे ताकी किसी के भी स्वाभिमान को ठेस ना पहोचे सहयोग के लिए हाथ ना फेलाना पडे ऐसी व्यवस्था करने के साथ ही समाज की विवरणिका को तेयार करने की आवश्यकता जताई उन्होने समाज कार्य मे आगे आने के लिए समाज के शिक्षित लोगो से निवदेन भी किया । 
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी कुलदीप गृहस्थी ने कहा कि सेवा संघ के नेत्रत्व मे पूरे भारत मे रामानन्द जयंती मनाई जारही हे उन्होने सेवा संघ के कल्याण ट्रस्ट के विषय मे जानकारी दी ।
डॉ जय प्रकाश वैष्णव ने कहा कि सामाजिक समरसता को बढ़ाने के लिए इस तरह के आयोजन होते रहने चाहिये ।
राष्ट्रीय प्रवकता राजेन्द्र वैष्णव ने कहा कि समाज के विकास के लिए समाज के सेवा भावी , शिक्षित , प्रबुद्ध,लोगो को एक साथ लाने का प्रयास सेवा संघ का जारी हे बांसवाड़ा मे समाज की सामाजिक संस्था के पंजीयन की प्रक्रिया जारी हे समाज कार्य के लिए जोभी व्यक्ति आना चाहता हे आस्कता हे इसके लिए अलग अलग प्रारूप तेयार किये गये हे ।
भा.जा.पा. नगर अध्यक्ष नीतेश बैरागी कुशलगढ़ ने कहाकि सेवा संघ द्वारा निरन्तर आयोजन से समाज मे एक नई क्रांति का संचार होरहा फिर भी कुछ लोगो को यह पच नही रहा हे आखिर वे चाहते क्या हे उन्होने कहा के समाज का एक भी व्यक्ति छूटना नही चाहिये जो रूठे हे उन्हे भी मनाना हे उन्हे जो चाहिये देदो बस उन्हे भी साथ लेलों ।
इस अवसर पर समाज की प्रतिभाओ को सम्मानित किया गया साथ ही मण्डल के महंतो द्वारा वरिष्ठ समाज जन का सम्मान भी किया गया जिसमे बांसवाड़ा से श्री नानुराम  वैष्णव, श्री मनोहर बैरागी , श्रीमती हेमलता वैष्णव आदी थे ।   
गंगा दास अधिकारी ने कहा कि हमारे समाज के आराध्य रामानंदाचार्य की जयंती पहली बार समाजिक स्तर पर मनाने का अवसर हमारे मण्डल को मिला यह हमारे लिये गौरव की बात हे उन्होने निरन्तर इस आयोजन को जारी रखने की बात कही ।
आभार मण्डल के महंत श्री कुरी दास जी ने माना ओर कहा कि ऐसा आयोजन हमेशा होता रहेगा मण्डल द्वारा ऐसी व्यवस्था की जायेगी ।
संचालन श्री शिवदास वैष्णव फलाबरा ने कर कार्यक्रम मजेदार बनाया   । 

      राजेन्द्र वैष्णव , प्रवकता सेवा संघ मुंबई 9887707878

    



19 अक्टू॰ 2016

बेटी बचाओ बेटी पढाओ नारा हमारा सरकार ने की सराहना अपनाया-सतीश वैष्णव


वैष्णव बैरागी समाज का देश में एक बडा योगदान-मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा
श्रीवैष्णव बैरागी ब्राम्हण समाज का प्रांतीय अधिवेशन सम्पन्न
विदिशा/ श्रीवैष्णव बैरागी समाज के लोगों को अपनी एकता एवं अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिये राजनीति के क्षेत्र में दखल अति आवश्यक हो गया है। देखा जाये तो किसी मंदिर,शाला का महंत,पुजारी ही सही मायने में किसी पार्टी का प्रचारक होता है वह अपने माध्यम से जनता तक बात पहुंचाते हुये चुनाव के समय एक अति महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करता है यह बात अखिल भारतीय वैष्णव ब्राम्हण सेवा संघ के राष्टीय अध्यक्ष सतीश जी वैष्णव ने कही। वह विदिशा में श्रीवैष्णव बैरागी ब्राम्हण संघ समीति द्वारा आयोजित प्रांतीय अधिवेशन में उपस्थित हजारों स्वजातिय बंधुओं को संबोधित कर रहे थे। इन्होने कहा कि अपनी शक्ति को पहचानो और अपने जनसंपर्क के दायरे को बढाते हुये राजनैतिक हस्तक्षेप जारी रखो। श्री वैष्णव ने अपने सारगर्भित एवं प्रेरणादायी उद्बोधन में कहा कि आने वाले समय में होने वाली जनगणना में जाति के कालम में बैष्णव दर्ज करायें। इस अवसर पर इन्होने प्रदेश एवं केन्द्र सरकार की कुछ मामलों मे प्रशंसा करते हुये समाज की पीडा एवं समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का आग्रह कार्यक्रम में उपस्थित मंत्री सूर्यप्रकाश मीणा से किया। श्री वैष्णव ने कहा कि बेटी बचाओ,बेटी पढाओ का नारा हमने दिया जिसकी सराहना स्वंय प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने की एवं यह नारा आगे चलकर सरकार का नारा बना।
कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान श्रीलक्ष्मीनारायण एवं श्रीगणेश पूजन से मंचासीन मुख्यातिथि सतीश जी वैष्णव,अध्यक्ष मनोहर जी बैरागी,विशिष्ठ अतिथि प्रदेश के राज्य मंत्री सूयप्रकाश मीणा,जिला पंचायत अध्यक्ष तोरण सिंह,नगर पालिका अध्यक्ष मुकेश टंडन,पूर्व विधायक बाबूलाल मेवरा,पीएल बैरागी,महेश बैरागी,बालकृष्ण त्यागी,विष्णुदास बैरागी,सुनील वैष्णव,अशोक त्यागी ने किया। सरस्वती वंदना एवं भजन की प्रस्तुति यशवंत शर्मा एवं नृत्य आशा पुजारी ने किया। स्वागत भाषण जिला अध्यक्ष कैलाश दास बैरागी एवं प्रतिवेदन कार्यक्रम प्रबंधन समीति के अध्यक्ष मनोहरदास बैरागी ने प्रस्तुत किया। मंचासीन अतिथियों की मानवंदना एवं स्वागत पुष्पहारों,शाल,श्रीफल एवं स्मृति चिंह देकर किया गया। समाज के युवक युवतियों का परिचय सम्मेलन भी उक्त कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहा।
किसने क्या कहा-
इस अवसर पर नपा अध्यक्ष श्री टंडन ने कहा कि जन्म से लेकर मृत्यू तक मनुष्य के जीवन में वैष्णव बैरागी समाज का योगदान एवं सहयोग रहता है। आपके ही आशीष से सरकारें बनती हैं। जिपं अध्यक्ष श्री सिंह ने कहा कि आप सभी भगवान से मिलने का एक माध्यम हो मंदिर में बिना आपके भगवान के दर्शन भी नहीं हो सकते। मंत्री श्री मीणा ने कहा कि प्रदेश सरकार हो या केन्द्र सरकार सभी वर्ग के हितों को ध्यान में रखते हुये कार्य कर रही है। आपकी मांगो को सरकार तक पहुंचाने का प्रयास किया जायेगा प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी आपकी चिंता है। इसी क्रम में बाबूलाल मेवरा एवं विष्णुदास बैरागी ने अपनी बात रखते हुये समाज की समस्याओं तथा उनके निदान के लिये हम क्या कर सकते हैं अपनी बात को रखा। इसी क्रम मे कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मनोहर बैरागी जी ने कहा कि हमें हमें अपने आप पर गौरव करने की बात है कि देश में हर मोर्चे पर हमारे पूर्वजों ने अपना योगदान दिया। बीर बंदा बैरागी का जिक्र करते हुये उनके त्याग और बलिदान के साथ ही महंत गंगादास को भी याद कर बतलाया कि महारानी लक्ष्मीबाई के हत्यारों से कैसे बदला लिया। इन्होने झाडू का उदाहरण देते हुये कहा कि जिस प्रकार वह एक सूत्र में बंधकर कचरा साफ करती है और टूटने पर कचरा बन जाती है वैसे ही समाज है। मंच का सफल संचालन कर रहे डा.एल.एन.वैष्णव ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर वीर बंदा बैरागी पर लिखित एक पत्रिका का विमोचन भी किया गया। समाज के प्रतिभावन छात्र-छात्राओं सहित विशिष्ट योगदान देने वाले लोगों का सम्मान किया गया। पत्रकारिता एवं समाजसेवा के क्षेत्र में राष्टीय स्तर पर सम्मान प्राप्त डा.श्रीमती हंसा वैष्णव,कला के क्षेत्र में लगातार 15 बर्षों से विशेष योगदान देने पर रजत दास वैष्णव एवं कुणाल दास वैष्णव पर सम्मानित किया गया।उक्त कार्यक्रम को सफल बनाने में आयोजन समीति के समस्त पदाधिकारियों एवं सदस्यों का योगदान रहा। कार्यक्रम में जयप्रकाश जी वैष्णव की ओर से सभी बच्चों को कापी एवं प्रेरणादायी साहित्य उपलब्ध कराया गया।
उपस्थिति एवं सहयोग -   
उक्त भव्य समारोह में प्रमुख रूप से आयोजन समीति के संरक्षक मंडल में बाबूदास वैष्णव पटवारी,कृष्णकांत शर्मा,डी.डी.बैरागी,रमेश बाबू शर्मा,ओमप्रकाश बैरागी,प्रीतमदास बैरागी,माखनदास बैरागी बासौदा,मोहन बैरागी बैंक,डा.बालकृष्ण बैरागी ठर्र,बृजेश वैष्णव,जानकीदास वैष्णव बैरसिया,कमल पांडे,देवकीनंदन,नरसिंहदास,श्यामदास,सतीश,ओमकारदास,श्यामदास,लखनदास,कैलाशदास,प्रकाशदास,महेश बैरागी,नरेश बैरागी,राधे महाराज,राजेन्द्र वैष्णव,विनोद बैरागी,श्यामदास,शालिगराम,ओमप्रकाश,बाबूदास,सीताराम,कमल वैष्णव,महिला मंडल समीति से राजकुमारी वैष्णव,विनीता वैरागी,नेहा वैष्णव,सीमा बैरागी,सविता बैरागी,इंद्रा त्यागी,कृष्णा बैरागी,नीलम बैरागी,कमलेश बेरागी,कृष्णा बैरागी,मार्गदर्शक मंडल में रामस्वरूप बैरागी,गोपालदास बैरागी,घनश्यामदास,गोपालदास निटरी,भगवानदास,नारायण दास,बाबूदास,रामगोपाल,श्यामदास,नर्वदा प्रसाद,हरिदास वैष्णव,सांवलदास,समीति सदस्य शालगराम,रघुनाथदास,नारायणदास,गोपालदास बैरागी,नत्थूदास बैरागी,तुलसीदास बैरागी,भगवतदास बैरागी,गजेन्द्र बैरागी,मुकेश बैरागी,कर्नल शर्मा,राजेन्द्र शर्मा,तुलसीदास बैरागी,विष्णुदास बैरागी,ओमदास,गंगादास,राजेन्द्र शर्मा,भंवरदास,चन्द्रकुमार शर्मा,गनेश दास,रविदास एवं रघुवीरदास त्यागी सहित विदिशा जिले के तहसील संगठनों का पूर्ण सहयोग रहा। वहीं उक्त कार्यक्रम में मध्यप्रदेश हजारों सहित अन्य प्रांतांे से भी स्वजातिय बंधुओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी।



सेवा संघ ने राजस्थान में डोली मंदिर भूंमि के लिये हुंकार भरी

   सेवा संघ ने राजस्थान में  डोली  मंदिर भूंमि के लिये हुंकार भरी   
28 सितम्बर 2016  अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण (चतुः) संप्रदाय सेवा संघ मुंबई के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतीश वैष्णव ने अपनी सामाजिक स्वेदना व डोली भूमि को लेकर समाज जन की पीड़ा को समज कर ठीक समय पर 1991 में  राजस्थान सरकार की ओर से विलोपित किए गए किसान पुजारियों के नाम राजस्व रिकोर्ड मे खातेदारी दर्ज कराने के लिए पूरे प्रेदेश मे एक दिवसीय धरना देकर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर आंदोलन का आगास किया । 
सेवा संघ की ओर से यह आंदोलन का पहला चरण था राजस्थान के सभी जिला मुख्यालयों पर समाज जन द्वारा धरना देकर कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया गया  समाज के इतिहास मे ऐसा पहली बार हुवा है की किसी प्रदेश सरकार को चेताने के लिए प्रदेश के सभी जिलो से समाज की समस्या को लेकर ज्ञापन दिया गया हो  इस के लिए सेवा संघ ने व्यापक स्तर पर तेयारी कर सेवा संघ के वरिष्ठ पदाधिकारी को अलग अलग जिले का प्रभार सोप कर प्रभारी बनाए गए ताकी यह प्रभारी जिलोमे जाकर स्थानीय समाज व संघटनों को एक जुट कर एक मंच पर लाकर डोली भूमि आंदोलन को विशाल रूप देसके । 
सरकार को अपनी बात मनवाने के लिए सामाजिक एक जुटता जरूरी हे सरकार संख्या बल व वोट बैंक के आगे जुकती हे  आज भारत वर्ष में समाज जन बसे हुवे हे किन्तु सभी लोग अपनी जाती सर नेम अलग अलग लगाते हे कोई वैष्णव , बैरागी , साधू ,के अलावा कई लोग अपना गोत्र , रामावत , स्वामी , रामानंदी आदी लगाते है जिसके कारण हमारा समाज एक जुटता के रूप मे नहीं दिखता व राजनेतिक पार्टी को समाज की संख्या बल का आनुमान नही लगता और समाज को वोट बैंक के रूप मे नहीं देखा जाता हे जिसके परिणाम स्वरूप समाज जन की सरकारो ने सुध नहीली व समाज जन को राजनीति मे भी कोई बढ़ा पद नही मिल पाया है । 
आज राजस्थान की बात करे तो एक भी विधायक या राज्यसभा , लोकसभा मे समाज का व्यक्ति नहीं हे जो हमारी मगों को सरकार के सामने रख सके । 
समाज के संघटन अपने अपने हिसाब से मंदिर डोली भूमि के लिए संघर्ष करते आए हे पर क्या यह जिम्मेदारी केवल संघटनों की है ... । जब तक समाज का हर व्यक्ति इस के लिए खड़ा नही होगा तब तक इसमें सफलता नही मिल पायेगी डोली भूमि वैष्णव की पहचान हे व समाज की धरोहर  हे आज कई लोग इस के सहारे अपना जीवन व्यापन करते हे ओर नही भी करते हो फिर भी इसकी रक्षा करना हर वैष्णव का धर्म हे समाज के उचे तबके के शिक्षित लोगो को आगे बढ़कर इस मुददे पर समाज जन का सहयोग कर अपनी सामाजिक जिम्मेदारी को निभाना चाहिए । 
जैन समाज की अगर बात करे तो स्थारा पर देश की सुप्रीम कोर्ट ने प्रतिबन्ध लगा दिया था पर पूरे भारत वर्ष के लोग एक जुट हुवे व आंदोलन किया और कोर्ट को अपना निर्णय समाज की भावना को देख कर बदलना पढ़ा । 
इसी प्रकार वैष्णव समाज बन्दु डोली भूमि पर एक जुट होगे व आंदोलन करे तभी समाज को यह सफलता मिलेगी आने वाले समय मे हमे राजस्थान के साथ साथ मध्यप्रदेश व कई ओर राज्यो मे इस के लिए संघर्ष करना होगा अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण (चतुः) संप्रदाय सेवा संघ मुंबई  पूरे भारत के वैष्णव समाज बन्दुओ से अपील कर्ता हे की समाज की ज्वलंत समस्या पर एक जुट हो ।   
       प्रदेश भर मे इन के नेतृत्व मे धरना देकर ज्ञापन दिया गया   
जयपुर -  सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतीश वैष्णव ने समाज जन के साथ राजधानी में  धरना दिया जिसमे एस.एस. वैष्णव , प्रदेश युवा अध्यक्ष श्री चंपलाल रामावत ,प्रदेश महिला अध्यक्षा मंजु वैष्णव मीडिया प्रभारी कुलदीप गृहस्थी , श्री महेश वैष्णव, श्री राजेश वैष्णव ,मनोज बैरागी ,बाबुजी कश्यप, महावीर निमावत, श्री गोपाल वैष्णव ,श्री दिलखुश वैष्णव , श्री रवीकान्त स्वामी, सौरभ गृहस्थी , महावीर वैष्णव, देवेन्द्र वैष्णव, श्री आत्मा राम वैष्णव , श्री सूरज जी वैष्णव , श्रीमती सुनीता वैष्णव, श्रीमती संगीता वैष्णव आदी के नेतृत्व मंे धरना दिया गया । 
प्रतिनिधि मण्डल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया व राज्यमंत्री श्री आमरा राम चैधरी से जयपुर सचिवालय मे ज्ञापन दिया व मंत्री जी ने भी प्रतिनिधि मण्डल को  पूर्णत विश्वास दिलाया ।
करोली - श्री श्याम लालजी , श्री राम भरोसी , श्री मुकेश , श्री अशोक , श्री ओम प्रकाश ,श्री रामावातार, श्री दीनदयाल , श्री मनीष, श्री प्रकाश ,श्री मनोज , श्री रोशन लाल , श्री देवेन्द्र , श्री विपिन ,युवा जिलाध्यक्ष श्री धरमेन्द्र के नेतृत्व में समाज जन ने ज्ञापन दिया ।
किशनगढ़ - सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री डी.सी.वी. किरण , राम गोपाल, चित्रानागा , युवा जिला अध्यक्ष श्री दीपक , युवा सेवा संघ के अजमेर संभाग प्रभारी श्री आशीष वैष्णव ,यूवा प्रदेश उपाध्यक्ष सेवा संघ श्री हेमंत किरण , यूवा सेवा संघ के देहात जिलाध्यक्ष पवन पिपावत , आदि ने सरकार के ढुल मूल रवये  को लेकर संबोधित किया व क्लेकटर को भारी संख्या में ज्ञापन दिया गया ।
जालोर - जिले के प्रभारी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री दिनदयाल वैष्णव , श्री द्वारका दास ,श्री जितु भाई , श्री टाईगर ,श्री राजू वैष्णव , युवा जिलाध्यक्ष श्री डॉ घनश्याम वैष्णव, कृष्ण दास वैष्णव के नेतृत्व में धरना देकर ज्ञापन दिया गया । 
सवाई माधोपुर - ऐडवोकेट घनश्याम वैष्णव के नेतृत्व में श्री ब्रजमोहन, ऐडवोकेट राजेश वैष्णव , प्रभारी सवाई माधोपुर आदि नंे भारी संख्या में  धारना देकर ज्ञापन दिया।
डूंगरपुर - प्रभारी नेरन्द्र दास वैष्णव ,मोहन दास वैष्णव जिला अध्यक्ष बांसवाड़ा , राष्ट्रीय प्रवकता राजेन्द्र वैष्णव सेवा संघ के मार्गदर्शन मंे जिलाध्यक्ष गोपाल दास वैष्णव राजपुर के नेतृत्व मंे श्री विनोद वैष्णव ,श्री जगदीश वैष्णव ,श्री भरत वैष्णव ,श्री दुर्गादास वैष्णव माड़ा ,शशिकांत वैष्णव ऋषभदेव , श्री जगमोहन वैष्णव ,गिरिराज वैष्णव के साथ भारी संख्या में समाज जन ने धरना देकर ज्ञापन दिया ।
बांसवाड़ा -  जिले के प्रभारी राष्ट्रीय प्रवकता श्री रामदास बैरागी व प्रभारी श्री नेरन्द्र दास वैष्णव के मार्गदर्शन मे जिलाध्यक्ष श्री मोहनदास वैष्णव के नेतृत्व में युवा अध्यक्ष श्री सतीश भण्डारी , मुरलीदास जी वैष्णव घाटोल , विश्वम्भर दास अधिकारी , श्री विश्वम्भर भण्डारी ,श्री नितेश बैरागी भा.ज.पा. मण्डल अध्यक्ष कुशलगढ़ , राष्ट्रीय प्रवकता श्री राजेन्द्र वैष्णव ,श्री विजय कृष्ण वैष्णव आदि ने धरने में समाज को संबोधित किया जिसमंे श्री नानु राम वैष्णव ,श्री मनोहर बैरागी ,श्री रमेश चन्द्र वैष्णव , श्री शंकर दास चिरोला ,श्री शिवशंकर वैष्णव , उपाध्यक्ष श्री देवि दास अग्रावत , सचिव श्री जगदीश चन्द्र वैष्णव , श्री जगदीश चन्द्र बड़वास ,श्री योगेश दिवाकर श्री रतन दास वैष्णव पिंडारमा ,श्री महेश गृहस्थी ,श्री लक्ष्मण दास असोड़ा , श्री ललित बैरागी बड़वास , श्री देवीलाल सेवक , भरत सेवक , मेहेश सेवक ,हितेश वैष्णव ,मानव अधिकारी, सुशील वैष्णव , पीयूष वैष्णव, हसमुख अधिकारी, शशिकांत शर्मा, राजेंद्र वैष्णव भुंगड़ा , अनिल कुमार , चेतन वैष्णव गामड़ी , मनीष वैष्णव , मुकेश वैष्णव, दिनेश भण्डारी, हरीदास वैष्णव बडी सरवा ,मेहेष चन्द्र वैष्णव , बालक दास पाटन , महेन्द्र दास बडी सरवा, बाल मुकुन वैष्णव बड़ी सरवा , मोहन दास बडी सरवा , कृष्णा नन्द कुशलगढ , प्रकाश बड़ी सरवा , दिलीप अधिकारी , राघव वैष्णव पार्षद , कमलेश वैष्णव , नितेश वैष्णव ,दीपक वैष्णव हेमंत वैष्णव ,मनोज वैष्णव , ईश्वर दास गामड़ी , मोहन दास गामड़ी , विवेक वैष्णव , महिला अध्यक्षा अंजना कुबावात, सचिव सीमा अधिकारी , शीतल भण्डारी , शांता वैष्णव , कृष्णा गृहस्थी, पूर्णावती वैष्णव , हेमलता वैष्णव , सरस्वती वैष्णव ममता शर्मा , ललिता वैष्णव , पुजा वैष्णव, काला देवी वैष्णव , प्रेमलता अधिकारी ,शान्ति बैरागी , पुजा अधिकारी , सैकड़ो समाज जन ने धरना देकर ज्ञापन दिया ।
चित्तौड़गढ़ - जिले के प्रभारी श्री मेहेश बैरागी मध्यप्रदेश अध्यक्ष युवा सेवा संघ के नेतृत्व मे , मेहेश वैष्णव युवा सेवा संघ जिलाध्यक्ष , गगन बैरागी, राष्ट्रीय संरक्षक कन्हैया दास वैष्णव ,उपाध्यक्ष जानकीदास वैष्णव, महिला सेवा संघ उपाध्यक्ष चांदनी बैरागी ,राष्ट्रीय सचिव युवा सेवा संघ मुरली मनोहर वैष्णव , प्रदेश उपाध्यक्ष राधेश्याम वैष्णव ,भेरु दास वैष्णव, कोषाध्यक्ष श्याम दास वैष्णव ,मदन दास ,गोपाल वैष्णव , सुनिल बैरागी, रतन दास वैष्णव, अर्जुन दास वैष्णव , जगदीश वैष्णव , मोहन दास वैष्णव , भगवान दास आदि के नेतृत्व मे भारी संख्या मे समाज जन ने धरना देकर ज्ञापन दिया ।
बीकानेर -  सेवा संघ के भवर लाल जी, भिखु लाल जी , जय किशन वैष्णव , ब्रजमोहन रामावत , संजय रामावत , भगवान दास जी ,नंदू जी , महेन्द्र कुमार साध , श्रीमती शान्ति देवी रामावत, ज्योति रामावत, घनश्याम जी , पंकज रामावत , रामचन्द्र वैष्णव, महावीर रामावत , ओम प्रकाश रामावत ,द्वारकाजी ,सुन्दर दास जी ,श्री राम रामावत , कोडम देसर गांव से कालु दास, महावीर दास, प्रयाग दास जी,  मगा दास जी ,रायसर गांव से बंशी दास जी , मुल दास जी , अक्षय रामावत, श्याम सुन्दर के नेतृत्व मे भारी संख्या मे समाज जन ने भाग लिया और कहा की डोली भूमि मांग नहीं अधिकार है। 
जोधपुर बावड़ी - अध्यक्ष पुखराज रामावत ,राष्ट्रीय सचिव धोरा लाल वैष्णव, युवा जिलाध्यक्ष मनोहर दास वैष्णव , महासचिव प्रेमदास वैष्णव , प्रदेश उपाध्यक्ष शीतल वैष्णव , प्रदेश सचिव खदाव वैष्णव एस डी वैष्णव , युवा उपाध्यक्ष केलाश बिराणी , धेन दास वैष्णव , मन दास वैष्णव ,राजु तनावड़ा सहित कई संख्या मे समाज जन ने ज्ञापन दिया ।
बलोतरा - भवर दास असाडा , मोहन दास , जानकी दास , जतियाना , मोहनपुरी असाडा, ओम दास भूगड़ा , प्रभु दास सराणा, अमरदास पंचपदरा, गणपत दास, रमेश दास , दिलीप दास , राहुल पिपावत , महेन्द्र दास , बजरंग दास , पवन दास , इन्द्र दास , विजय दास , ने उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन दिया ।
बारा - जिला अध्यक्ष सीता राम वैष्णव , बैकर कुमार वैष्णव  ऐडवोकेट माहावीर निम्बार्क , महेन्द्र वैष्णव आदि के नेतृत्व मंे धरने के साथ ज्ञापन दिया गया । 
टॉक - सेवा संघ जिला अध्यक्ष कारण स्वामी , सचिव निमावत , दीपक बैरागी के नेतृत्व ज्ञापन दिया गया ।
बुंदी - धरने में जिला अध्य्क्ष युवा श्री गिरधर गोपाल जी ,श्री प्रभुलाल जी बैरागी ,श्री रामदत्त जी बैरागी , श्री नाथूलाल जी , श्री पवन जी , श्री ओम जी बैरागी ,एवं समाज बंधुओ ने  धरना ज्ञापन में भाग लिया ।  
कोटा -  नेतृत्व सेवा संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री वी. डी.शर्मा जी एव श्री रामेश्वर दयाल जी ने किया  धरना ज्ञापन में राष्ट्रीय सयुक्त सचिव श्री रमेश बैरागी ,अति.महासचिव कल्याण ट्रस्ट श्री ओम प्रकाश वैष्णव,(कार्यकारी) प्रदेश अध्य्क्ष श्री पुरषोत्तम दयाल वैष्णव ,श्री पदम् वैष्णव अध्य्क्ष सेवा संस्था कोटा ,श्री अजय वैष्णव अध्य्क्ष युवा मोर्चा कोटा ,श्री संजय वैष्णव अध्य्क्ष युवा सेवा संघ कोटा ,श्री सुनील जी वैष्णव ,श्री बनवारी जी , श्रीसत्यनारायण जी प्रेमनगर , श्री राधेश्याम जी प्रेमनगर , श्री महेंद्र जी ,श्री रामेश्वर जी हेड साहब कुन्हाड़ी ,श्री लल्लू लाल जी चैपाटी , श्री भगवान जी सांगोद ,श्री मनोज जी केशवपुरा ,श्री रमेश जी वैष्णव कोटड़ी , श्री संदीप जी , श्री श्याम जी संघर्ष समिति अध्य्क्ष , श्री विष्णु जी ,श्री नंदकिशोर जी , श्री सतीश जी बडोदिया , श्री हनुमान जी बोरखेड़ा , श्री गोविन्द लाल जी संत इटावा , श्री महेश जी कुन्हाड़ी और भी वैष्णव बैरागी समाज बंधुओ ने इस धरना ज्ञापन में भाग लिया  राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जी ने सभी समाज बंधुओ का आभार प्रकट किया ।
उदयपुर - समाज पंचायत अध्यक्ष पवन वैष्णव एवं पदाधिकारी श्री सीतामाता (वैष्णव बैरागी) समाज विकास संस्थान,के अध्यक्ष महेन्द्र वैष्णव ,महासचिव नरोत्तम वैष्णव कोषाध्यक्ष श्याम वैष्णव सम्भागिय वैष्णव बैरागी समाज युवा संस्था के पदाधिकारी एवं पुजारी महासभा के प्रदेश सचिव सालिगराम जी ,संयुक्त प्रवासी वैष्णव बैरागी समाज संस्थान के घनश्याम जी, लालदास पर्जन्य एवं संम्भागीय वैष्णव वैरागी समाज युवा संस्था उदयपुर के बिहारी दास जी, लालदास जी, अखिल राजस्थान वैष्णव वैरागी संस्था उदयपुर के लालदास जी गोकुल दास जी एवं उदयपुर ग्रांमीण क्षेत्रों से संत महंत में महंत बंशीदास, घासा महंत बालूदास घासा ,महंत प्रेमदास, महंत नन्दकिशोर जी लकडवास महंत भंवरदास जी पलासिया, महंत मोहनदास जी, पालडी, महंत पुलासीदास जी महाराज की खेड़ी, महंत हरिदास जी, महंत हीरादास जी, महंत कल्याणदास जी, महंत किशनदास जी , महंत नाथुदास जी, महंत सुन्दरदास जी, महंत बंशीदास जी धारता, महंत रामदास जी, महंत पारसदास , महंत लालदास नेडच, रामदास, महंत भेरुदास, महंत शंकरदास, महंत लक्षमण दास कुराबड़ एवं समाज बंधुओ ने धरना ज्ञापन में भाग लिया । 
भरतपुर  - सेवा संघ के उत्तम जी लेखराम वैष्णव , जीतेन्द जी , सतपाल रीतेश , दयाल , कैलाश , केदार , गिरजा शंकर , नीरज आदि एवं समाज बंधुओ ने  धरना ज्ञापन में भाग लिया । 
भीलवाड - जिला अध्यक्ष हरीश वैष्णव ओर युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष श्री गजानंद वैष्णव एवं समस्त पदाधिकारीयो का जिला अध्यक्षो स्वजाति बंधुओ के सार्थक व संयुक्त प्रयासों का ही प्रतिफल रहा कि भीलवाड़ा जिले का प्रदर्शन राजस्थान के तीसरे नंबर पर रहा इसके लिये हर एक बंधु बधाई का पात्र हैं जिसने इस कार्यक्रम की सफलता के लिये अपना समय तन मन धन देकर सहयोग किया प्रदेश प्रवकता एवं जिला प्रभारी होने के नाते उन सभी बंधुओं को कोटि कोटि प्रणाम।
श्री ओ पी बैरागी साहब इन्दौर जो कि राष्ट्रीय अध्यक्ष महोदय के निर्देश पर पर्यवेक्षक के रूप में एक दिन पूर्व ही पधारकर रणनीति को समझाते हुए रचनात्मक सुझाव देकर जिला संगठन को प्रोत्साहन दिया वंही जिला अध्यक्ष श्री हरीश वैष्णव ओर युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष श्री गजानन वैष्णव एवं जिला प्रभारी श्री विजय रामावत की संयुक्त सहमति से बनी रणनीति को सार्थक करने के लिये युवा प्रकोष्ठ उपाध्यक्ष श्री केलाश जी वैष्णव उपरेडा श्री पुरषोतम जी वैष्णव प्रदेश उपाध्यक्ष श्री बनवारी जी वैष्णव प्रदेश सचिव के साथ साथ सेवा संघ के जिला पदाधिकारी श्री घनश्याम जी वैष्णव श्री केदार जी वैष्णव के साथ साथ युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष अखिलेश वैष्णव हुरडा के युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष एवं जिला उपाध्यक्ष श्री महावीर जी वैष्णव जिला महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष श्री मोती शोभा देवी वैष्णव ,मंचासीन अतिथि सावराधाम गुलाब पुरा के महन्त श्री जगदीश जी वैष्णव गुलाबपरा के ही भाजपा प्रकोष्ठ ओर महंत कृष्ण गोपाल जी वैष्णव भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष डाक्टर राजा साध ओर महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय सचिव श्रीमती आशा जी रामावत एवं भीलवाड़ा के पार्षद परभू दास वैष्णव ने अपने उद्बोधन में सेवा संघ की नितिया ओर डोली भूमि समस्या पर विस्तार से प्रकाश डाला वहीं डाकटर अर्जुन जी वैष्णव देबीलाल जी वैष्णव केरीया तथा एडवोकेट शंभूदास वैष्णव व प्रदेश परवक्ता गोपाल स्वरूप वैष्णव पंकज ने भी अपना उद्बोधन दिया  इस अवसर पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं अतिरिक्त जिला कलेक्टर श्री आनन्दीलाल जी वैष्णव पूर्व प्रधान कन्हैयालाल जी वैष्णव हरणी महादेव समिति के अध्यक्ष श्री राधाकिशन जी वैष्णव पुजारी महासभा के अध्यक्ष श्री सत्य नारायण जी वैष्णव वैष्णव मित्र परिषद के पदाधिकारी श्री गोपाल जी निरंजणी ओर सामाजिक पत्रिका वैष्णव स्वर के सम्पादक श्री महेश जी वैष्णव आनंद के साथ शाहपुरा युवा प्रकोष्ठ अध्यक्ष श्री मोनू वैष्णव के साथ श्री बालकृष्ण जी वैरागी श्री रमेश जी वैष्णव सागानेर श्री केलाश जी वैष्णव चंद्र शेखर आजाद नगर श्री ओमप्रकाश श्री ईश्वर दास वैष्णव पूर्व सरपंच श्री प्रहलाद वैष्णव पूर्व सरपंच श्री मुरली जी वैष्णव श्री मनीष जी वैष्णव एडवोकेट श्री उमेश प्रकाश जी वैष्णव कोटडी अध्यक्ष युवा प्रकोष्ठ के साथ साथ भीलवाड़ा एवं जिले के विभिन्न गाँवों से आये लगभग 700 साथियों महिलाओं ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए कार्यक्रम में सहभागिता निभायी संचालन डाक्टर एवं साहित्यकार श्री महावीर जी वैरागी ने अपने चिर परिचित अन्दाज में साहित्यिक भाषा में करते हुए कार्यक्रम में चार चाँद लगादिये ।
जिला मुख्यालय से बाहर से आने वाले समस्त साथियों के लिये भोजन के पेकिट टेन्ट ओर पानी की सुन्दर व्यवस्था जिला संगठनो द्वारा की गई जिसकी सभी ने सराहना की मीडीया चेनल ई टी वी ,जी न्यूज राजस्थान ,स्टार पल्स के साथ अन्य चेनलो पर प्रदेश प्रवकता गोपाल स्वरूप वैष्णव पंकज ने सेवा संघ द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम पर बिन्दु वार प्रकाश डाला जिनहे समाचारों व टी वी पर दिखाया गया ।
धरना स्थल से कलेक्टर कार्यालय तक रेली निकाली गई जिसमें कार्यकर्ताओं के हाथों में सेवा संघ के बैनर ओर डोली भूमि समस्या संबंधी तखतीया थी ओर सभी साथियों के गले में प्रतीक चिन्ह के रूप में दुपटे थे कलेक्टर कार्यालय में पर्यवेक्षक श्री ओ पी बैरागी के सानिध्य में कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया ओर एक प्रति पर रसीद लीगई ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मंडल में सर्व श्री हरीशजी वैष्णव श्री गजाननजी वैष्णव, श्री विजय जी रामावत ,श्री मुरली जी वैष्णव श्री कन्हैयालाल जी वैष्णव ,श्री राम किशन जी वैष्णव पत्रकार एवं प्रवकता गोपाल स्वरूप वैषणव पंकज ओर श्रीमती आशा जी रामावत थे  अन्त में सेवा संघ के जिला अध्यक्ष श्री हरीश जी  वैष्णव ने सभी आगन्तुको का धन्यवाद ज्ञापित किया ।
पाली  - युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री गजेन्द्र अग्रावत के नेतृत्व में भंवर जी निम्बार्क , श्री नारायण दास जी ,हरीश वैष्णव , वकील साहब के सानिध्य में कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया ।
प्रतापगठ़ - प्रभारी मध्यप्रदेश युवा सेवा संघ प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश बैरागी युवा सेवा संघ के नगर अध्यक्ष राकेश वैष्णव तहसील अध्यक्ष हेमत वैष्णव मदसौर , जिला अध्यक्ष पंकज बैरागी दलोदा , जिला उपाध्यक्ष ओम प्रकाश , मदसौर सह सचिव  प्रमोद , जिला मीडिया प्रभारी नविन ,आरी वैष्णव , नेतृत्व नगर व गाॅवो तुलसी नंदन ,नारायण दास , श्याम दास , हरि शंकर ,राहुल वैष्णव , सतीष वैष्णव , ललीत वैष्णव , सुर्य प्रकाश वैष्णव , रोनक वैष्णव , सत्य नारायण , विकास बरोठा , ईशवर दास धमलिया , भगवान दास कामलिया , राम दास ग्यापुर , बद्री दास सेमलापुर , ओम प्रकाश् पान मोडी , श्याम पान मोडी , बद्री दास चमलावद , भरत दास वर मण्डल , द्वारका दास थान मोडी , राम दास कडियावद , विनोद बोरी , भगवान दास खोरिया , भगती दास बारावरदा , विजय राम नगर  आदि सेंकडो ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया ।
दौसा - जिलाध्यक्ष दीपक जी , सौरव जी ,दशरथ जी ,गौरव जी ,रमेश चन्दजी ,सुरेश चन्द जी ,भगवान सिंह जी ,बिट्टू जी ,हरि सिंह ,राम  आदि ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया ।
जैसलमेर - जिला अध्यक्ष सत्य नारायण वैष्णव , श्री थिरपाल दास ,श्री भोजराज, श्री विनोद, श्री संजय ,श्री मुरलीधर , श्री मानक दास , श्री कमल , श्री गजेन्द्र , श्री दिनेश, श्री अमृत श्री पवन , श्री हरिश, श्रीमती विमला सभी वैष्णव  समाज बन्धु उपस्थित थे।
हनुमानगढ - ज्ञापन देते समय जिला अध्यक्ष बजरंग लाल स्वामी , अशोक स्वामी, नन्द किशोर स्वामी , ज्ञान प्रकाश स्वामी , भोजराज स्वामी , सूभाष स्वामी, प्रदीप स्वामी , प्रेम स्वामी इत्यादि  थे।
सीरोही - आत्माराम रेवदर अध्यक्ष वैष्णव समाज सीरोही , कान्तिलाल गोयली , मंगल दास सिरोही , चंद्रकांत सिरोही ,बंसीधर रेवदर , अरविन्द रेवदर , दिनेश रेवदर, कल्याणदास मंडार, सरजू दास मरोल, श्रवण दास मंगरीवाडा, माधुदास जनापुर ,ईश्वर दास भारजा , अमरदास मडिया , मगनदास शिवगज , गोविन्द दास सिरोही , नारायण दास पालड़ी , भेरुदास अन्दोर , रणछोड़ दास मनादर, राजीव सिरोही , गणेशदास निंबज ,महावीर आबूरोड ,गोरधन पिंडवाड़ा ,प्रकाश दातराई ,लक्षमण सिरोडी ,शंकरदास मनादर ,ईश्वर दास सिरोही ,पुर्शोतमदास सिरोही , चंदनदास जाड़ोली ,कान्तिदास जाड़ोली ,गणेशदास जाड़ो आदि सेंकडो ने कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया ।
चुरू -  श्री जीतेन्द्र जी स्वामी , श्री रोहीत जी स्वामी , श्री राहुल स्वामी व अनेकानेक  समाज जन ने ज्ञापन दिया ।
सेवा संघ के आव्हान पर समुचे प्रदेश से समाज जन व संघटनों के पदाधिकारी का होसला देख कर  संस्थापक स्वः श्री एन.एन. वैष्णव साहब एवं स्वः श्री सत्यनारायण सहाब की आत्मा को आज बैहद खुश होरही होगी जो उनके द्वारा लगाया गया पौधा आज वटव्रक्ष बन गया है ।
सेवा संघ के इस डोली भंूमि आंदोलन को राजस्थान पुजारी महासभा , वैष्णव यूवा परिषद  राजस्थान ,  विकास परिषद के  श्री मूलचंद वैष्णव ,श्री चेतन वैष्णव प्रदेश अध्यक्ष , श्री द्वारका दास वैष्णव सायला मंडल , श्री जीतू भाई टाईगर फोर्स , उदयपुर के सारे सामाजिक संघटन जिन्होंने एकता की मीसाल कायम की व सहयोग किया ।
सेवा संघ द्वारा दूसरे चरण मे राजस्थान मे जन प्रतिनिधियों विधायक , सांसदय को ज्ञापन दिया जाएगा ताकि आगामी विधानसभा सत्र में हमारी मांग को विधानसभा मे उठाया जासके सभी संघटनों के पदाधिकारी अपने जन प्रतिनिधियों विधायक , सांसदय को ज्ञापन देगे ।
सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सभी समाज जन व संघटनों के पदाधिकारी का आभार माना हे व आंदोलन के प्रथम चरण  की सफलता जिसमें राजस्थान के सभी जिलो से ज्ञापन दिया गया का श्रेय जागरूक समाज जन को दिया हे । 

                     राजेन्द्र वैष्णव , राष्ट्रीय प्रवकता , 09887707878  
                 अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण (चतुः) संप्रदाय सेवा संघ मुंबई
       

1 जून 2016

सिंहस्थ 2016 मे सेवा संघ द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतीश वैष्णव के नेतृत्व मे श्री राम कथा व नानीबाई का मायरा का भव्य आयोजन किया गया ।

अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण (चतुःसंप्रदाय) सेवा संघ मुम्बई, अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण कल्याण ट्रस्ट मुम्बई के तत्वाधान मे ओर स्वर्ग मे विराजित युगपुरुष स्वः एन.एन. वैष्णव सा की असीम कृपा , श्री बालकवि बैरागी जी के असीम आशीर्वाद से दादा मनोहर जी बैरागी के अकथनीय सतत प्रयासो व मार्ग दर्शन मे सिंहस्थ कुंभ उज्जैन जो सनातन धर्म मे आस्था का सब से बढ़ा पर्व त्योहार हे  आप सभी के कृपा पूर्ण सहयोग से 15 दिवसीय भव्य धार्मिक आयोजन जिसमे दिनाक 01 मई से 09 मई तक श्री राम कथा व 10 मई से 14 मई 2016 तक नानीबाई के मायरा का रस पान वैष्णव शिरोमणी राष्ट्रसंत श्री मुरलीधर जी महाराज द्वारा कराया गया । 
वैष्णव समाज को एक नई उचाई प्रदान करने मे और आयोजन को भव्य बनाने श्री मुरलीधर जी महाराज का योगदान काफी बढ़ा रहा महाराज श्री ने अपने भक्तो से कहा की उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ मे 15 दिवसीय इस आयोजन मे आपको व्यवस्था करनी हे जिसमे भक्तो ने भी महाराज श्री की बात को रखते हुवे तन मन धन से सहयोग किया महाराज श्री का मानना हे की इस तरह के आयोजन से समाज एकजुट होगा वैष्णव समाज आपसी गुटो मे बट कर अपना विकास नही कर पाया हे आध्यात्मिक द्रष्ठी से देखे तो  वैष्णव अपने आप को पहचान ही नही पाया हे यह जो जाती व वर्ण की व्यस्था मे सभी वर्णो मे यदी श्रेष्ठ हे तो वो वैष्णव हे उन्हो ने कहा की वैष्णव को किसी के आगे  जुकना नहीं चाहिए साधु संत के तुम रख वाले जिनके रखवाले स्वय हनुमान जी हो उन्हे किसी के आगे जुकने की आवश्यकता नहीं व हनुमान जी को वैष्णव वो का आराध्य बताया ।
हेमे भी गर्व करना चाहिए की महाराज श्री का सानीध्य वैष्णव समाज को मिला जिन के मन मे समाज को ऊपर लेजाने की भावना हे पूरे भारत का वैष्णव समाज महाराज श्री जेसे वैष्णव रत्न को  पाकर धन्य हे सेवा संघ महाराज श्री का ऋणी हे ।
श्री मुरलीधर महाराज की प्रेरणा से 6 माह पूर्व नाशिक कुंभ मे भव्य सफल आयोजन किया गया था व इस बार उज्जैन के सिंहस्थ मे भी भव्य आयोजन जिसमे 125000 वर्ग फीट क्षेत्र सम्पूर्ण सुविधाओ से लेस विशाल कैम्प कथा श्रवण के लिए विशाल पांडाल 30,000 फीट का, वॉटर कूलर पंखे ,वॉटर फावरे टेंप्रचर को कंट्रोल करने के लिए सम्पूर्ण पंडाल मे लगाये  जिससे कथा मे गर्मी का अहसास भी नही हो 20 बढ़े एसी वाले कमरे , एक एसी हॉल, 50 कमरे जिसमे  वॉटर कूलर  पंखे लगा कर ठहरने की उत्तम व्यस्था कीगयी थी , ठंडा पानी पीने के लिये वॉटर कूलर , स्वादिष्ठ भोजन व चाय कॉफी सूबह व शाम करीब 10,000 हजार लोगो के लिये पथमेड़ा गोशाला की गाय के शुद्ध देशी घी का भोजन जोधपुर के प्रसिद्धी हलवाई 70 लोगों की टीम द्वारा तेयार किया जाता था व रात को 12 बजे सम्पूर्ण पंडाल का चक्कर लगा कर सेवा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वय जायजा लेते व किसी भी समाज जन को किसी भी प्रकार की असुविधा नहो इस के लिये उनके साथ साथ सेवा संघ के सभी वरिष्ठ पदाधिकारी भी अपने परिवार के साथ 15 दिनो के इस आयोजन को सफल बनाने के लिये पंडाल मे ही डटे रहते थे  इस आयोजन का लाईव सीधा प्रसारण संस्कार व सत्संग चैनल के माध्यम से विशव के 107 देशो मे किया गया  इस के परिणाम स्वरूप यह भव्य आयोजन सफल हुवा हे राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मात्र एक वर्ष मे कई छोटे छोटे आयोजन के साथ नाशिक कुंभ व उज्जैन के सिंहस्थ कुंभ मे विशाल आयोजन कर अपने नेतृत्व का लोहा पूरे भरात भर मे मनवाया व समाज जन को ऐक जुट किया हे । 
प्राकृतिक आपदा पर आस्था पढ़ी भारी - उज्जैन सिहस्थ मे शाम के समय भारी वर्षा व तूफान से सारी व्यस्था चर मरा गई थी फ़िर भी राष्ट्रीय अध्यक्ष व उनकी टीम द्वारा रात भर जाग कर समाज जन के लिये उचित व्यस्था कीगयी व दूसरे दिन श्री राम कथा को बिना विलम्ब के ठीक समय पर महाराज श्री द्वारा प्रारम्भ कीगयी ।
परमात्मा प्रेम का महा कुंभ हे यहा आए हो तो क्रोध को छोड़कर और प्रेम को लेकर जाना - ब्रह्मर्षि गुरुवान्द महाराज 
सिंहस्थ कुंभ मे सेवा संघ के पंडाल मे 15 मई को  संत श्री ब्रह्मर्षि गुरुवान्द महाराज के प्रवचन का आयोजन किया गया इस के पूर्व उज्जैन मे भव्य शोभा यात्रा निकाली गई जिसमे हाथी घोड़े पालकी ,उट , बगिया , व सेवा संघ का ध्वज लेकर मध्यप्रदेश के ओ पी बैरागी , बी के त्यागी, युवा सेवा संघ के महेश बैरागी, बंटी बैरागी , राजस्थान के कुलदीप गृहस्थी, मुरली वैष्णव , राजेन्द्र वैष्णव, राजेश वैष्णव ,गुजरात के श्री अनिल देवमुरारी, श्री दीनदयाल जी , हैदराबाद के श्री मनोहर रामावत , श्रीमती किरण रामावत के नेतृत्व मे युवाओ व समाज जन ने भाग लिया राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश वैष्णव स्वय 5 किलो मीटर करीब 45 डिग्री तापमान मे पेदल चल कर यूवाओ का होसला बढ़ाया व महाराज श्री ने भी मंच से उनकी प्रसनशा कर आशीर्वचन दिया महाराज श्री ने  प्रवचन मे कहा की परमात्मा को पाना हे तो क्रोध को त्याग कर सव्य प्रेम मय होना होगा प्रेम का महासागर ही प्रेम का कुंभ हे प्रवचन मे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पंचोरी, सिंहस्थ मेला प्राधिकरण अध्यक्ष राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त श्री माखन सिंह , भोपाल के विधायक श्री विशवास सारंग, अ भा विकाश परिषद ट्रस्ट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राम चन्द्र वैष्णव जी , देश के सभी राज्यों व विदेशो से गुरू भक्तो ने भाग लिया जिसका सीधा प्रसारण सत्संग चैनल के माध्यम से किया गया ।   
सेवा संघ के पंडाल मे श्री राम कथा व नानी बाई का मायरा के 15 दिवसीय भव्य आयोजन मे देश की महान विभूतियों का सनीध्य भी समाज जन को मिला जिसमे
जगदगुरु शंकराचार्य भानपुरा पीठ 1008 श्री दिव्यानन्द जी तीर्थ , मुल पीठाधीश्वर श्री राजेन्द्र दास जी महाराज व्रंदावन, महामंडलेश्वर श्री राधा किशन जी महाराज , जगत गुरु श्री रामभद्राचार्य जी महाराज , महामंडलेश्वर श्री पायलेट बाबा , महाकाल मंदिर के मुख्य पुजारी , महामंडलेश्वर श्री सुखदेव जी महाराज , अखाड़ा परिषद महासचिव महामंडलेश्वर श्री हरीगिरि महाराज का श्री बालकवि बैरागी द्वारा समाज की अदभुद सेवा के लिये नागरिक अभिनंदन किया गया , महामंडलेश्वर श्री युवराज निम्बाकाचार्य पीठ स्लेमा बाग ,  महामंडलेश्वर श्री वासुदेवचार्य झितडा महाराज ,   फूलडोल महाराज वैष्णव संप्रदाय के सुप्रीम कोर्ट के आचार्य, रेवसा पीठाधीश्वर, महा मंडलेश्वर डॉ राघव शरण जी महाराज , आचार्य श्री कोशिक जी महाराज व्रंदावन ,   महामंडलेश्वर श्री कम्प्युटर बाबा , देवलिया पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर श्री जगदीश जी महाराज , महामंडलेश्वर श्री ज्ञानदास जी महाराज कृशरी आश्रम , श्री राम प्रसाद जी महाराज सुर सागर , महामंडलेश्वर  श्री पुरुषोत्तम जी महाराज खेरापद धाम , शिक्षा मंत्री मध्यप्रदेश सरकार पारस जी जैन, संजय सिंग वर्मा जी पूर्व मंत्री , डॉ कमाल वेदान्त जी , श्री रामेश्वर जी पटेल सभी संतो व विभूतियों का सानीध्य  सेवा संघ के पंडाल मे मिला प्रवचन आशीर्वचन दिये  ऐसा पहली बार हुवा की  इतने सारे संत समाज के किसी आयोजन मे पधारे हो । 
इस अवसर पर श्री महेश बैरागी को मध्यप्रदेश यूवा सेवा संघ  अध्यक्ष के नाम की घोषणा राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा कीगयी साथ  ही राष्ट्रीय महीला अध्यक्ष किरण जी रामावत ने भी कई नामो की घोषणा कर संघटन प्रोकोष्ठ का विस्तार किया ।
मेंवाड़ वागड़ की ओर से राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतीश जी का रामदास बैरागी उदयपुर द्वारा अनूठे आयोजन के लिये मेंवाड़ी पगड़ी पहना कर अभिनंदन किया गया ।
इस आयोजन मे सेवा संघ के सभी पदाधिकारी व सदस्यो ने दिलसे कार्य किया व भव्य आयोजन को सफल बनाया 15 दिवसीय इस आयोजन मे श्री मनोहर रामावत जी ने समय समय पर जय श्री राम जय श्री कृष्ण का उद्घोष लगा कर पंडाल को भक्तिमय बनाकर सुंदर संचालन किया ।
उज्जैन सिहस्थ मे आयोजन को सफल बनाने के लिये दादा मनोहर बैरागी का सम्मान किया गया व वर्ष भर सेवा संघ के लिये व सिंहस्थ कुंभ मे उत्क्रष्ठ कार्य करने वालो को भी स्म्मानित कियागया ।  
राष्ट्रीय अध्यक्ष ने समापन के अवसर पर कहा की मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यदी पूरे मंगल नाथ ज़ोन मे यदी सर्वाधिक कही शोता थे वो सेवा संघ के पंडाल मे थे पंडाल पूरा भर गया व बाहर तक बेठने की व्यस्था करने के बावजूद लोगों का जोश कम नही था कहना ठीक नही पर यह सच्चाई हे ये सब आप समाज जन  के सहयोग से हुवा हे उन्हों ने सभी समाज जन का, संत समाज का ,दान दाताओ का, महाराज श्री का संघटन के पदाधिकारियों युवा साथियो का आभार माना किसी समाज जन को असुविधा हुई हो उस के लिये खेद जताया ।
राजेन्द्र वैष्णव बांसवाड़ा , राष्ट्रीय प्रवकता सेवा संघ मुम्बई  09887707878
  
  


18 अप्रैल 2016

सिंहस्थ कुंभ आस्था,विश्वास,धर्म के साथ सामाजिक समरसता का संगम सरकार,संगठन,साधु-संयासी सभी तैयारियों को दे रहे अंतिम रूप |


                                           6 जोन 22 सेक्ट्रर में बांटा गया सिंहस्थ को 16 सेक्टर में मेला
केश लेश होगा सिंहस्थ, 106 हेल्पसेंटरों के साथ 1000 प्याऊ  , 20 किमी से दिखेगी 82 हजार वाहन के लिये पार्किंग व्यवस्था 


उज्जैन / विश्व के सबसे बडे एैसे मेले का आयोजन होने जा रहा है जिसमें बिना किसी आमंत्रण तथा भेदभाव के लाखों लोगों का आना-जाना होता है। आस्था,धर्म,विश्वास के साथ सामाजिक समरसता का संदेश देने वाले इस महापर्व के दौरान सभी वर्ग समुदाय के लोग एक साथ उपस्थित हो स्नान,ध्यान,यज्ञ,हवन,पूजन,दान करते हैं तो बिना किसी भेदभाव के एक दूसरे के साथ एैसे हिलते मिलते देखे जा सकते हैं जैसे किसी दूध में शक्कर को मिला दिया जाता है। विश्व में इससे बडा सामाजिक समरसता का उदाहरण कहीं किसी भी देश में भारत को छोड कर नहीं मिल सकता है। जिसके शोध एवं जानकारी लेने के लिये विश्व के बडे-बडे वैज्ञानिक एवं शोधकर्ता इस पर कार्य कर चुके हैं एवं करने जा रहे हैं। 
सनातन धर्म के महान पर्व का शुभारंभ आगामी बर्ष में होने जा रहा है और इसमें आने वाले करोडों लोगों की संभावना को देखते हुये जहां प्रदेश सरकार व्यापक स्तर पर तैयारियां करने में लगी हुई हैं तो वहीं सामाजिक संगठनों द्वारा अपने-अपने स्तर पर सहभागिता एवं सहयोग के लिये तैयारियां की जा रही हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं आगामी 22 अप्रेल से प्रारंभ होने जा रहे सिंहस्थ कुंभ जिसमें अमृत का लाभ उठाने के लिये देश ही नहीं विश्व भर के करोडों श्रृद्धालु एकत्रित होकर धर्म लाभ लेंगे। कुंभ जो कि धार्मिक,वैज्ञानिक एवं सामाजिक समरसता का सबसे बडा आधार बतलाया जाता है को लेकर गत एक बर्ष पूर्व से प्रारंभ तैयारियां अंतिम चरणों में देखी जा सकती हैं। सनातन धर्म के अनुसार तथा भारतीय संस्कृति की धरोहर उज्जैन को बतलाया गया है। स्कन्द पुराण के अनुसार इसको प्रतिकल्पा नाम से भी संबोधित किया गया है जो सृष्ट्रि के आरंभ से इसकी उत्पत्ति का प्रतीक बतलाया जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक एवं उनके अनुसांगिक संगठन तथा बडी संख्या में अन्य स्वयंसेवी ,सामाजिक संगठनों के द्वारा अपने-अपने स्तर पर तैयारियां आयोजन को सफल बनाने के लिये की जा रही हैं। सिंहस्थ कुंभ को केश लेश योजना के तहत् 6 जोन एवं 22 सेक्टर में विभाजित कुंभ परिसर को बैंक सिंहस्थ डेबिट कार्ड जारी करने जा रहे है। इसमें राष्ट्रीयकृत एवं निजि बैंक मिलकर कार्य कर रहे हैं। 
12 बर्ष वाद शुभ अवसर-
सनातन धर्म का यह महान पर्व 12 बर्ष में एक बार आता है जब करोडों श्रृद्धालु मध्यप्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी में स्नान हेतु एकत्रित होते हैं। धार्मिक मनातनुसार जब सूर्य मेष एवं बृहस्पति सिंह राशि में होते हैं तो उज्जैन में कुंभ प्रारंभ होता है। चैत्र माह की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर बैशाख पूर्णिमा के दिन अंतिम स्नान पर समाप्त होता है। 
इन तिथियों में होगा शाही स्नान-
उक्त महान धार्मिक पर्व में शाही स्नान का विशेष महत्व बतलाया गया है प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 अप्रेल 2016 को प्रथम शाही स्नान होगा। इसके पश्चात् क्रमश: 3,6,9,11,15,17,19,20 एवं 21 मई 2016 को शाही स्नान की तिथि बतलायी गयी है।
सिंहस्थ कुंभ मेला में 6 जोन 22 सेक्ट्रर-
उक्त विशाल आयोजन को लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं जिसको अंतिम रूप देने का सिलसिला जारी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंहस्थ क्षेत्र को 6 जोन एवं 22 सेक्ट्रर में बांटा गया है जिसमें 16 सेक्ट्रर में मेला परिसर है। इस क्षेत्र में लगभग 15 लाख लोग स्थायी रूप से निवास करेंगे जिसमें 13 अखाडे भी होंगे। मेला परिसर में लगभग 1000 पेयजल की प्याऊ भी बनायी जा रही हैं। वहीं मोबाईल एप्स के साथ अनुरोध,समस्या निवारण हेतु 106 हेल्प सेंटर भी बनाये जा रहे हैं। विभिन्न  विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्यूटी इस दौरान लगायी जायेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 विभागों द्वारा सेवायें दी जायेंगी।  वहीं एक बेबसाईट बनायी जा रही है जिस पर संपर्क  सूत्र,मोबाईल नंम्बरों के साथ ही अन्य जानकारियां भी अपलोड की जा रही हैं।
पुरातत्व और सिंहस्थ-
सिंहस्थ मेले को लेकर करोडों लोगों के आने की बात को ध्यान में रखते हुये धार्मिक एवं एैतिहासिक मंदिरों को सजाने संवारने के लिये कार्य किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके लिये पुरातत्व विभाग द्वारा 2 करोड 55 लाख रूपयों को खर्च कर साफ-सफाई,सुरक्षा एवं सौन्द्रीयकरण की योजना पर कार्य किया गया है। इसमें विद्युतीकरण,सीसीटीव्ही केमरे,अग्रिशमन यंत्र,फायर अलार्म प्रमुख बतलाये जा गये हैं । जानकारी के अनुसार उक्त कार्य अकेले में 1 करोड 20 लाख 65 हजार रूपये से अधिक खर्च किये गये हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार भृतहरि गुफा में 13 लाख 15 हजार,राम जर्नादन मंदिर में 22 लाख 17 हजार,विष्णु चतुष्टका में 30 लाख 3 हजार,काल भैरव मंदिर में 25 लाख 32 हजार,तिलकेश्वर मंदिर में 36 लाख 52 हजार की राशि खर्च की गयी है। 
पार्किंग 20 किलोमीटर पहले ही दिखेगी-
 सिंहस्थ के दौरान वाहनों की उचित पार्किंग के लिये उज्जैन में विश्व-स्तरीय पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंहस्थ की पार्किंग के लिये महेश सनी इंटरप्राइजेस प्रायवेट लिमिटेड, नई दिल्ली को जिम्मा सौंपा गया है। यह कम्पनी 7 सेटेलाइट टाउन और 5 बड़ी पार्किंग का संचालन करेगी। पार्किंग व्यवस्था का काम पहली अप्रैल से प्रारंभ हो जायेगा। जानकारी के अनुसार 12 स्थान पर पार्किंग के लिये 80 से अधिक ऑटोमेटिक बूम बेरियर लगाये जा रहे हैं । इसी तरह 24 घंटे सी.सी.टी.व्ही. के माध्यम से पार्किंग-स्थलों को लाइव देखा जायेगा। वाहनों की पार्किंग व्यवस्था करने के पहले वाहनों की नम्बर प्लेट की पिक्चर को क्लिक कर डाटा संधारण में भी उपयोग किया जायेगा। डाटा संधारण के लिये रियल टाइम डाटा उपलब्ध होगा। पार्किंग व्यवस्था को टिकिट मशीन द्वारा जनरेट किया जायेगा। श्रद्धालुओं को पार्किंग को लेकर तकलीफ न हो, इसके लिये जिस कम्पनी को पार्किंग का ठेका दिया गया है, वह कम्पनी मोबाइल- एप भी बनायेगी। मोबाइल एप में पार्किंग-क्षेत्र का पूरा स्टेटस मौजूद होगा। मोबाइल एप द्वारा ऑनलाइन बुकिंग किया जाना भी संभव होगा। सभी पार्किंग-स्थल पर लॉकर फेसिलिटी भी रहेगी। सिंहस्थ के दौरान त्रिवेणी जोन में 82 हजार वाहन के लिये पार्किंग व्यवस्था रहेगी। इसमें जोन-2 के सेटेलाइट टाउन और इनके बाहर स्थित पार्किंग क्षेत्र शामिल हैं।
जियोफेंसिंग से कर्मचारियों पर नजर-
सिंहस्थ मेले की विशालता को देखते हुये सरकार किसी भी प्रकार की कोताही नहीं वरतना चाहती। कर्मचारी अपनी ड्यूटी सही ढंग से कर रहे हैं कि नहीं इसके लिये जियोफेंसिंग के माध्यम से निगरानी होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकारी,कर्मचारी बिना अनुमति परिसर से बाहर नहीं जा सकेंगे। इसके लिये 70 बायो-मेट्रिक मशीने अटेंडेंस के लिये लगाई जा रही हैं जो कि थम्ब इम्प्रेशन से उपस्थिति दर्ज कराने का कार्य करेंगी जिसका डेटा मोबाईल एप्प पर नियमित प्राप्त होगा। 
उक्त विशाल धार्मिक,सामाजिक आयोजन में आने वाले करोडों लोगों की संभावना को देखते हुये सिंहस्थ भीड प्रबंधन की योजना पर कार्य प्रारंभ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके लिये 29.42 करोड रूपये खर्च किये जायेंगे। इसके लिये राणोजी की छत्री पर अस्थाई कंट्रोल रूम बनने जा रहा है। ग्राम एवं नगर रक्षा समीति के लगभग 10 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है।
7 करोड़ 50 लाख लीटर जल आपूर्ति -
प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंहस्थ के दौरान त्रिवेणी जोन में (शाही स्नान जैसे दिवस) में प्रतिदिन 7 करोड़ 50 लाख लीटर पानी की आपूर्ति की तैयारी की गयी है। पानी की आपूर्ति के लिये ए, बी तथा सी प्लॉन तैयार किये गये हैं। प्लान-ए में त्रिवेणी की नयी टंकियों, शनि मंदिर टंकी और गऊ घाट वॉटर फिल्टर प्लांट से पानी की आपूर्ति की जायेगी। प्लॉन-ए की व्यवस्था फेल होने पर प्लॉन-बी कार्य करेगा। प्लॉन-बी में टंकियाँ नहीं भरने की स्थिति में पम्पिंग मेन स्टेशन को सीधे मेला क्षेत्र में पाइप लाइन से जोड़ा जा रहा है, जिससे सीधे बूस्टिंग द्वारा जल प्रदाय किया जा सके। प्लॉन-बी की व्यवस्था फेल होने पर प्लॉन-सी काम करेगा। प्लॉन-सी के लिये 12 हजार लीटर क्षमता के 4 टेंकर तथा 5 लीटर क्षमता के 2 टेंकर काम करेंगे। 

डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव




14 फ़र॰ 2016

अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ इकाई सूरत ने VPL -1 क्रिकेट टूर्नामेंट का विशाल आयोजन किया |

अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण चतुः संप्रदाय सेवा संघ मुंबई के तत्वाधान मे ,गुजरात की  सुरत इकाई  ने  वैष्णव प्रिमीयर लीग वी पी एल -1 क्रिकेट टूर्नामेंट का भव्य सफल आयोजन दिनांक 29,30,31 जनवरी को सुरत के विशाल  स्टेडियम मे किया गया  इस आयोजन मे गुजरात की 10 टीमों ने भाग लिया  हजारो दर्शक, आपार उत्साह युवाओ मे  नजर आया सभी टीम के खिलाड़ी अनुशाषित होकर खेल भावना से खेलते नज़र आरहेथे  आयोजको की असीम उर्जा ने 3  दीवसीय VPL-1 क्रीकेट टूर्नामेंट कर प्रदेश का गोरव  भारत भर मे  न केवल बढ़ाया बलकि यह  संदेश भी दिया की समाज  आपसी एक जुटता से भव्य आयोजन कर समाज की प्रतिभा को आगे ला सकते हे ।  
आयोजन के मुख्य अतिथि दादा श्री मनोहर बेरगी अध्यक्ष अनुशासन समिति सेवा संघ, अध्यक्ष श्री सतीश वैष्णव राष्ट्रीय अध्यक्ष सेवा संघ मुंबई विशिष्ठ अतिथि श्री मोहन वैष्णव कोषाध्यक्ष सेवा संघ , श्री दिनदयाल वैष्णव राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सेवा संघ , श्री गजेन्द्र अग्रवत राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा सेवा संघ , श्री  महेश बेरगी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा सेवा संघ , श्री बटी बेरगी प्रदेश सचिव युवा सेवा संघ मध्यप्रदेश थे |

राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री सतीश वैष्णव ने कहा  की सेवा संघ सुरत ने अनूठे आयोजन से एक इतिहास रचा हे विशाल आयोजन , भव्य स्टेडियम , 10 से अधिक टीमे , हजारो दर्शक आपार उत्साह , 3 दिवसीय वी पी एल क्रिकेट टूर्नामेंट से भारत मे वैष्णव समाज का गोरव बढ़ाया हे साथ ही कहा की पूरे भारत से सुरत सेवा संघ परिवार को सोशियल मीडिया के  माध्यम से आयोजन की तस्वीरे देख कर बधाई दी गई मे इस आयोजन को देख भवविभोर हुवाहु |

दादा मनोहर बेरागी ने कहा की समाज के इतिहास मे ऐसा अनूठा आयोजन पहले कभी नही देखा मानो ऐसा लग रहाथा की कोई अंतराष्ट्रीय मेच देख रहे हो उन्होने आयोजको व खिलाड़ियो के अनुशासन की सराहना की व सेवा संघ सुरत परिवार को अनूठे आयोजन के लिए बधाई दी |
सु२त सेवा संघ परीवार को पुरे भारत वर्ष से बधाईया मील २ही है, सभी का आत्मीय आभार. |

              राजेन्द्र वैष्णव
राष्ट्रीय प्रवकता सेवा संघ मुंबई - 09887707878 


अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ की राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक की जलकिया ।

Popular News