6 जोन 22 सेक्ट्रर में बांटा गया सिंहस्थ को 16 सेक्टर में मेला
केश लेश होगा सिंहस्थ, 106 हेल्पसेंटरों के साथ 1000 प्याऊ , 20 किमी से दिखेगी 82 हजार वाहन के लिये पार्किंग व्यवस्था

सनातन धर्म के महान पर्व का शुभारंभ आगामी बर्ष में होने जा रहा है और इसमें आने वाले करोडों लोगों की संभावना को देखते हुये जहां प्रदेश सरकार व्यापक स्तर पर तैयारियां करने में लगी हुई हैं तो वहीं सामाजिक संगठनों द्वारा अपने-अपने स्तर पर सहभागिता एवं सहयोग के लिये तैयारियां की जा रही हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं आगामी 22 अप्रेल से प्रारंभ होने जा रहे सिंहस्थ कुंभ जिसमें अमृत का लाभ उठाने के लिये देश ही नहीं विश्व भर के करोडों श्रृद्धालु एकत्रित होकर धर्म लाभ लेंगे। कुंभ जो कि धार्मिक,वैज्ञानिक एवं सामाजिक समरसता का सबसे बडा आधार बतलाया जाता है को लेकर गत एक बर्ष पूर्व से प्रारंभ तैयारियां अंतिम चरणों में देखी जा सकती हैं। सनातन धर्म के अनुसार तथा भारतीय संस्कृति की धरोहर उज्जैन को बतलाया गया है। स्कन्द पुराण के अनुसार इसको प्रतिकल्पा नाम से भी संबोधित किया गया है जो सृष्ट्रि के आरंभ से इसकी उत्पत्ति का प्रतीक बतलाया जाता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक एवं उनके अनुसांगिक संगठन तथा बडी संख्या में अन्य स्वयंसेवी ,सामाजिक संगठनों के द्वारा अपने-अपने स्तर पर तैयारियां आयोजन को सफल बनाने के लिये की जा रही हैं। सिंहस्थ कुंभ को केश लेश योजना के तहत् 6 जोन एवं 22 सेक्टर में विभाजित कुंभ परिसर को बैंक सिंहस्थ डेबिट कार्ड जारी करने जा रहे है। इसमें राष्ट्रीयकृत एवं निजि बैंक मिलकर कार्य कर रहे हैं।
सनातन धर्म का यह महान पर्व 12 बर्ष में एक बार आता है जब करोडों श्रृद्धालु मध्यप्रदेश के उज्जैन में क्षिप्रा नदी में स्नान हेतु एकत्रित होते हैं। धार्मिक मनातनुसार जब सूर्य मेष एवं बृहस्पति सिंह राशि में होते हैं तो उज्जैन में कुंभ प्रारंभ होता है। चैत्र माह की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर बैशाख पूर्णिमा के दिन अंतिम स्नान पर समाप्त होता है।
इन तिथियों में होगा शाही स्नान-
उक्त महान धार्मिक पर्व में शाही स्नान का विशेष महत्व बतलाया गया है प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 अप्रेल 2016 को प्रथम शाही स्नान होगा। इसके पश्चात् क्रमश: 3,6,9,11,15,17,19,20 एवं 21 मई 2016 को शाही स्नान की तिथि बतलायी गयी है।
सिंहस्थ कुंभ मेला में 6 जोन 22 सेक्ट्रर-
उक्त विशाल आयोजन को लेकर मध्यप्रदेश सरकार ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं जिसको अंतिम रूप देने का सिलसिला जारी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सिंहस्थ क्षेत्र को 6 जोन एवं 22 सेक्ट्रर में बांटा गया है जिसमें 16 सेक्ट्रर में मेला परिसर है। इस क्षेत्र में लगभग 15 लाख लोग स्थायी रूप से निवास करेंगे जिसमें 13 अखाडे भी होंगे। मेला परिसर में लगभग 1000 पेयजल की प्याऊ भी बनायी जा रही हैं। वहीं मोबाईल एप्स के साथ अनुरोध,समस्या निवारण हेतु 106 हेल्प सेंटर भी बनाये जा रहे हैं। विभिन्न विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारियों की ड्यूटी इस दौरान लगायी जायेगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार 22 विभागों द्वारा सेवायें दी जायेंगी। वहीं एक बेबसाईट बनायी जा रही है जिस पर संपर्क सूत्र,मोबाईल नंम्बरों के साथ ही अन्य जानकारियां भी अपलोड की जा रही हैं।
पुरातत्व और सिंहस्थ-

पार्किंग 20 किलोमीटर पहले ही दिखेगी-

जियोफेंसिंग से कर्मचारियों पर नजर-
सिंहस्थ मेले की विशालता को देखते हुये सरकार किसी भी प्रकार की कोताही नहीं वरतना चाहती। कर्मचारी अपनी ड्यूटी सही ढंग से कर रहे हैं कि नहीं इसके लिये जियोफेंसिंग के माध्यम से निगरानी होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार अधिकारी,कर्मचारी बिना अनुमति परिसर से बाहर नहीं जा सकेंगे। इसके लिये 70 बायो-मेट्रिक मशीने अटेंडेंस के लिये लगाई जा रही हैं जो कि थम्ब इम्प्रेशन से उपस्थिति दर्ज कराने का कार्य करेंगी जिसका डेटा मोबाईल एप्प पर नियमित प्राप्त होगा।
उक्त विशाल धार्मिक,सामाजिक आयोजन में आने वाले करोडों लोगों की संभावना को देखते हुये सिंहस्थ भीड प्रबंधन की योजना पर कार्य प्रारंभ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इसके लिये 29.42 करोड रूपये खर्च किये जायेंगे। इसके लिये राणोजी की छत्री पर अस्थाई कंट्रोल रूम बनने जा रहा है। ग्राम एवं नगर रक्षा समीति के लगभग 10 हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया गया है।
7 करोड़ 50 लाख लीटर जल आपूर्ति -

डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव