Head Line News

|

http://www.abvbss.com

Santh Shree Murlidhar Ji Vaishnav

10 दिस॰ 2013

हरि के द्वार में श्रीवैष्णव धर्मशाला का स्पन हुआ साकार , अखिल भारतीय वैष्णव द्वितीय राष्ट्रीय अधिवेशन 26,27 एवं 29 दिसम्बर को - डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव

1008 जगद्गुरूरामानंदार्च जी श्री रामनरेशाचार्य जी करेंगे लोकापर्ण |

मानवता,त्याग,तपस्या के साथ ही विश्व शांति एवं सामाजिक समरसता का भाव लेकर अनादिकाल से पवित्र कार्य में लगे श्री वैष्णव समाज के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता उसने जहां एक ओर धर्मरक्षा के साथ ही सबको समान भाव से देखने का कार्य किया तो वहीं दूसरी ओर दमनकारी ताकतों को भी कुचलने में भी पीछे नहीं रहा। भारत माता को गुलामी की जंजीरों से मुक्त कराने से लेकर वसुदेवकुटुम्बकम के पवित्र भाव को लेकर उसके संतों ने सामाजिक समरसता का भी विशेष ध्यान रखा। अपने पूर्वज एवं संतों के मानव सेवा,सामाजिक समरसता के साथ ही धर्मरक्षा के पवित्र भाव को ही आगे बढाने के कार्य को लेकर देश के सिद्धक्षेत्र हरिद्वार जिसे हरि का द्वार कहा गया है में एक वृहद धर्मशाला के निर्माण का बीडा  उठाया अखिल भारतीय वैष्णव (च.स.) विकास ट्रस्ट, मुम्बई (रजि.) एवं विकास परिषद मुम्बई के  रामचन्द्र वैष्णव एवं जयन्ती भाई बी. वैष्णव एवं उनके सहयोगियों ने जिनके लगातार प्रयासों से सपना साकार हो हुआ । जिसका लोकापर्ण इसी माह की 27,28 एवं 29 दिसम्बर 2013 को होने जा रहा है। ज्ञात हो कि इसके पूर्व देश के ही पुष्कर में भी एक वृहद धर्मशाला का लोकापर्ण और राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न हो चुका है जिसमें देश के कौने-कौने से हजारों स्वजातिय बंधुओं ने पहुंचकर सहभागिता की थी। हरिद्वार में आयोजित उक्त भव्य समारोह में भी सभी लोगों से बडी संख्या में उपस्थित होने का आग्रह किया गया है।

श्री वैष्णव धर्मशाला -

     श्रीवैष्णव धर्मशाला सप्त ऋषि आश्रम घाट रोड़ (बिरला फार्म हाऊस रोड़ नम्बर 5) शान्ति कुंज के पीछे, हरीपुरकला गांव, ऋषिकेष रोड़, हरिद्वार पर स्थित है जो हरिद्वार रेल्वे स्टेशन से लगभग 6 किलोमीटर दुर है यह धर्मशाला तीन मंजिला है जो 42.5 फुट चैड़ी तथा 138 फुट लम्बी है जिसके 42.5 फुट बाई 82 फुट पर निर्माण हो रखा है शेष 42.5 फुट बाई 56 फुट जो पीछे की तरफ है खाली है तथा इस धर्मशाला के दो तरफ रास्ते है । प्राप्त जानकारी के अनुसार इस धर्मशाला के तल मंजिल पर एक बड़ा हॉल, दो बड़े कमरे मय ओपन कीचन, तीन छोटे कमरे, एक अण्डर ग्राऊण्ड पानी का टैंक, प्रथम मंजिल पर जाने की सिढिय़ा, पीछे की तरफ तीन लेट्रीन एवं तीन बाथरूम अलग-अलग बने हुए है । प्रथम मंजिल पर दो बड़े कमरे जिसमें कॉमन लेट्रीन बाथरूम मय बन्द कीचन है एवं इसी प्रथम मंजिल पर दो बड़े कमरे जिसमें ओपन कीचन है तथा इन कमरों में पीछे अलग से कम्बाईण्ड लेट्रीन बाथरूम तथा अलग से एक लेट्रीन भी बनी हुई है इसी के साथ भवन के प्रवेष द्वार (पोल) के ऊपर के बड़ा कमरा जिसमें कम्बाईण्ड लेट्रीनबाथ, बन्द कीचन एवं बेडरूम एवं एक मध्यम दरजे का कमरा मय लेट्रीन एवं बाथरूम बने हुए है। द्वितीय मंजिल पर प्रथम मंजिल की तरह ही उसके ऊपर इसी प्रकार कमरे निर्मित है। भवन के छत पर दो अलग-अलग कमरे बने हुए है तथा लेट्रीनबाथरूम एवं उसके ऊपर पानी की टंकी रखी हुई है इस भवन की छत पर खड़े होने पर चारों तरफ का हरियाला विहंगम दृष्य बड़ा ही लुभावना एवं मन मोहक लगता है जहां से भारत माता का मन्दिर स्पष्ट दिखाई देता है । ज्ञात हो कि रामानन्दाचार्य श्री रामनरेषाचार्य जी महाराज का संकल्पित निर्माणधीन विश्व का अद्वितीय श्रीराम मन्दिर जो पांच मंजिला जोधपुर पत्थर का मेन ऋषिकेष हाईवे पर निर्मित हो रहा है उस मन्दिर के पास वाली गली में ही आगे चलने पर यह धर्मशाला स्थित है।

कैसे हुई शुरूआत -

उक्त स्वप्र को साकार करने के प्रारंभिक स्थिति पर नजर डालें तो प्राप्त जानकारी के अनुसार 12.03.2012 को हरिपुर कला गांव हरिद्वार ऋषिकेष रोड़, हरिद्वार पर 42.5 फुट बाई 138 फुट पर बने भवन को खरीदने का अनुबन्ध किया गया था जिसके बेचान का पंजीयन दिनांक 28.02.2013 को करवाया जाकर दिनांक 01.03.2013 को उक्त तीन मंजिले भवन का भौतिक कब्जा उपस्थित जयन्ति भाई बी. वैष्णव, रामचन्द्र वैष्णव, इन्द्रजीत वैष्णव,  भगवान दास वैष्णव उदयपुर, गजेन्द्र कुमार शर्मा मथुरा, एन.डी.निम्बावत, जोधपुर,  ब्रह्मपाल वैष्णव हरिद्वार एवं  मुन्ना भाई ने प्राप्त कर उसी समय प्रवेशद्वार पर स्थित एक कमरे को तैयार कर उसमें टेबल, कुर्सियां एवं अलमारी खरीद कर कार्यालय का उद्घाटन भी बड़े हर्षोउल्लास के साथ किया एवं भवन को उद्घाटन हेतु अतिशीघ्र तैयार करवाने के लिए सैनेट्री वाले, लाईट फिटिंग वाले, लोहे के कार्य वाले, प्लेमर वाले को तथा रंगरोगन करने वालों को बुलाकर तुरन्त कार्य प्रारम्भ करने हेतु हिदायतें दे दी गई थी। जिसको अपने कुशल मार्गदर्शन में हरिद्वार निवासी ब्रह्मपाल वैष्णव ने भव्य स्वरूप प्रदान करवाया और अब यह लोकापर्ण के लिये तैयार है।

इनसे कर सकते हैं संपर्क-               
  उक्त आयोजन के लिये अधिक जानकारी हेतु निम्न लोगों से सम्पर्क किया जा सकता है:-

श्री रामचन्द्र जी वैष्णव 09322208647,    श्री जयन्ती भाई बी वैष्णव 09820030553,
श्री इन्द्रजीत वैष्णव 09323799470,        श्री भगवान वैष्णव 09414064364,
श्री गजेन्द्र जी शर्मा 09457666666          श्री एन.डी.निम्बावत, एडवोकेट 09314713779
श्री ब्रह्मपाल वैष्णव 09058868009

अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ की राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक की जलकिया ।

Popular News