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Santh Shree Murlidhar Ji Vaishnav

30 जन॰ 2015

श्री वैष्णव कुलभूषण आचार्य श्री वेदान्ती जी महामंडलेश्वर पद पर विभूषित हुये

सिद्धक्षेत्र श्रीराम जी मंदिर कटावधाम उत्तर गुजरात पीठ को संभाला
वैदिक मंत्रों से गुंजायमान हुआ परिसर,श्रीवैष्णव सम्प्रदाय सहित संतों में हर्ष
                                                                                                                  डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव
भोपाल - वैदिक मंत्रों के उच्चारण से गुंजायमान होता परिसर,मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान श्रीराम के चरणों में बैठे संतजन एवं सनातन धर्म की परम्परा का निर्वाहन करते देश के प्रमुख संत जन जी हां एैसा ही कुछ नजारा था श्रीवैष्णव कुलभूषण श्रीश्री 1008 सियावल्लभ दास जी महाराज को महामंडलेश्वर की उपाधि से विभुषित करने का। शंख,घडियालों से सहित अन्य पारंपरिक वाद्य यंत्रोंं की कर्ण प्रिय लगने वाली लगातार निकलती धुन एवं वैदिक मंत्रों एवं हवन की वेदी से निकलती ज्वालाओं से निकलता सुंगधित धुंआ और अधिक प्रसन्नता दायक बनाने में लगा हुआ था। संत परम्परा का पूर्ण विधि एवं विधान का पालन कराते हुये उपस्थित संतों एवं पीठ के संचालक मंडल ने उक्त दायित्व एवं उपाधि से सिया वल्लभ दास जी को विभूषित किया। संतों ने स्वास्ति वाचन के साथ ही पुष्पों की बर्षा की तो उपस्थित बडी संख्या में श्रृद्धालुओं ने सहभागिता की।
श्रीवैष्णव तीर्थ कटावधाम गुजरात-
 श्रीवैष्णव तीर्थ देश के प्रसिद्ध एवं सिद्ध क्षेत्रों में अपना एक अलग स्थान रखता है जहां श्री राघवेन्द जी सरकार विराजमान है । उत्तर गुजरात में बनासकाठा जिला में स्थित उक्त पीठ अयोध्या के संत श्रीश्री 1008 खाकी जी महाराज तपोस्थली रही है। इन्ही की 106 वीं जयंती के अवसर पर श्रीश्री 1008 सियावल्लभ दास जी को महामंडलेश्वर की उपाधि से विभूषित किया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार बर्ष भर यहां लगातार भोजन प्रसादी का क्रम चलता रहता है जहां हजारों श्रृद्धालू इसको पाकर धर्म लाभ लेते हैं। वहीं गौ शालाओं के साथ ही अनाथआश्रम एवं अन्य सामाजिक एवं धार्मिक कार्यक्रम चलते रहते हैंं। देश के प्रसिद्ध उद्योगपतियों का सहयोग एवं देश ही नहीं अपितु विश्व के अनेक देशों में कडोरों उक्त श्रीवैष्णव तीर्थ स्थल से जुडे भक्तों का आना जाना जारी रहता है।
श्री वैष्णव कुलभूषण महामंडलेश्वर -
प्राप्त जानकारी के अनुसार श्री सम्प्रदाय के धर्माचार्यो की उपस्थित में पूर्ण वेदिक बिधि से अनुष्ठान पूर्वक महामंडलेष्वर के पद पर वेदान्ती जी महाराज का अभिषेक किया गया। महंत श्री श्री 1008 श्री करसन दास जी महाराज पुजारी श्री सियावल्लभ दास जी एवं कोठारी ईश्वर दास जी की सहमति से बेदान्ती जी को महामंडलेष्वर पद पर आसीन किया गया । इस अबसर पर पूर्ण बेदिक बिधि से स्वस्ती बाचन एवं अभिशेक आदि पंचबिधि से सम्पन्न किया गया। बेदान्ती जी महाराज ने महामंडलेष्वर पद पर आसीन होने से पूर्व पद और गोपनीयता की शपथ वैदिक बिधि से दिलायी गयी।
श्री वैष्णव कुलभूषण-
महामडलेश्वर पद पर सुशोभित महाराज श्रीश्री 1008 वेदांती सियावल्लभ दास जी ने काशी हिन्दू विश्व विद्यालय से दर्शन शास्त्र में शोध सहित स्नातकोत्तर एवं पी एच डी की उपाधियां प्राप्त की वहीं उपनिषदों का स्वाध्याय एवं अध्ययन कर श्रीमदभागवताचार्य की योग्यता प्राप्त की है । माता वीणा पाणी के आर्शीवाद उनके कंठ में विराजमान होने के कारण श्री वेदांती जी ने राजस्थान गुजरात एवं म.प्र. उ.प्र. सहित देश के विभिन्न भागों में श्रीमद भागवत कथा का वाचन कर धर्म शिक्षा का प्रसार किया। विदित हो कि उनकी कथा आध्यात्मिक विश्लेशण पर आधारित होती है। देश भर में इनके लाखों की संख्या मे शिष्य हैं। मध्यप्रदेश के दमोह जिले के कटावधाम में भी इन्होने एक आश्रम की स्थापना की थी जिसका संचालन श्रीहरिनाम संकीर्तन समीति एवं दो संतजन इन्ही के मार्गदर्शन में कर रहे हैं।
प्रमुख रूप से हुये उपस्थित-
उक्त धार्मिक आयोजन में परमसंतों में रामचरन दास जी बडोदरा गुजरात, किशोर दास जी बृन्दावन धाम उ.प्र.सीताराम दास जी अध्योध्या उ.प्र. गोपाल दास जी , हरीदास जी पाटन म.प्र.चंदन दास रमाकांत दास सूरत गुजरात सहित बडी संख्या में संत और शिष्यों उपस्थिति रही।







अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ की राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक की जलकिया ।

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