दमोह मध्यप्रदेश श्रीमद भागवत महापुराण श्रीरामनंदी वैष्णव समप्रदाय का आभुषण है इस बात का उल्लेख कथा के प्रारंभिक शलोक में ही मिलता है जिसका वाचन करके लाखों ब्राह्मण और इस कार्य में लगे लोग अपने और अपने परिवार का उदरपोषण करने में लगे हुये हैं तो लाखों नर-नरियों को इसका लाभ दिला रहे हैं यह उदगार श्रीवैष्णव सम्प्रदाचार्य श्रीमंत सियावल्लभ दास जी ने कहे । जिले के ही ग्राम आंकखेडा के श्री देव जानकी रमण मंदिर में प्रारंभ हुये श्रीमद भागवत महापुराण कथा वाचक श्री दास जी कटावधाम ने जहां श्रीमद भागवत कथा का विस्तार से महत्व को बतलाया। ज्ञात हो कि सनातन धर्म में श्रीमद भागवत कथा का एक विशेष स्थान है जिसका श्रवण मात्र से श्रृद्धालुओं के लोक परलोक दोनो के सुधरने का उल्लेख मिलता है। समस्त प्रकार भय और बंधनों को काटने वाली कथा की ज्ञान रूपी गंगा में क्षेत्र के हजारों नर-नरनारियों को गोते लगाने का अवसर प्राप्त हुआ है पं.नरेन्द्र पाठक के सौजन्य से और मुख्य कथा श्रोता बनी हैं श्रीमती पार्वती बार्इ पाठक हैं। आर्कषक कर्णप्रिय मधुर आवाज के साथ देश के विभिन्न क्षेत्रों में श्रीराम कथा और श्रीमद भागवत कथा का आनंद दिलाने वाले बाल संत सियावल्लभ दास ने परीक्षित जन्म कथा विस्तार से वर्णन किया। कथा प्रारंभ होने के पूर्व एक भव्य शोभायात्रा ग्राम के ही विभिन्न मार्गो से निकाली गयी जिसमें पारंपरिक वाध यंत्रों की धुन पर जहां भजनों का गायन करते भक्त थे तो वही सिर पर सुसाित कलशों को रखे बडी संख्या में नारी शक्ती मिंगलगान करती हुइ। जबकि भगवान के गगन भेदी जयकारों से गलियों को गुंजायमान करते युवा भी चल रहे थे। डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव ने बतलाया कि आज कपिल मुनि एवं ध्रुव कथा का वर्णन श्रीमंत सियावल्लभ दास जी करेंगें। धार्मिक आयोजन में समस्त पाठक परिवार के साथ ही ग्राम वासियों का विशेष योगदान बतलाया जाता है।