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Santh Shree Murlidhar Ji Vaishnav

22 जन॰ 2015

नमों की एक और पहल देश आधुनिक होती मनरेगा - डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव

        आईपीपीई में देश की 2500 तो प्रदेश में 180 जनपदों को जोडा गया |
                             
                 
भोपाल/ देश में आधुनिक तकनीक का उपयोग एवं उसका लाभ उठाते हुये अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर एक कदम और आगे बढाते हुये देश की एक अति महत्वपूर्ण योजना मनरेगा को आधुनिक बनाने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार देश में 2500 जनपद पंचायतें आईपीपीई के तहत कार्य करेंगी,जिनमें मध्यप्रदेश की 180 जनपदों को भी उक्त योजना से जोडा गया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार पायलट प्रोजक्ट के रूप में उक्त जनपदों को आईपीपीई में जोडा गया है।  उक्त कार्य से जहां विरोधियों द्वारा लगातार मनरेगा को बंद करने की केन्द्र सरकार की योजना जैसे भ्रम एवं प्रश्रों पर विराम लग रहा है तो वहीं आईपीपीई के दायरे में आने से मनरेगा में अधिक पारदर्शिता आने का संकेत माना जा रहा है। जानकार बतलाते हैं कि उक्त योजना के लागू होने से जहां एक ओर मनरेगा में होने वाली अनिमिताताओं पर अंकुश लगेगा तो वहीं मजदूरों की मजदूरी का भुगतान समय सीमा में होगा।
क्या है आईपीपीई- 
मनरेगा को देश की कुछ चुनिंदा पंचायतों को आईपीपीई से जोडा जा चुका है। लोगों के मन में यह बात उभर रही है कि आखिर यह आईपीपीई आखिर है क्या? अगर हिन्दी में देखें तो सरकार ने इसको सघन,सहभागी,न्योजन योजना का नाम दिया है। इसकी विशेषता है कि इसमें मोबाईल मानिटरिंग सिस्टम लागू होगा। कार्य स्थल से ही लाईव डाटा के साथ ही रियल टाईम आन लाईन डाटावेश उपलब्ध होगा। वहीं परिसम्पत्तियों निर्माण कार्यों का सत्यापन एवं लोकेशन जीओ टेगिंग के माध्यम से उपलब्ध रहेगा। जानकार बतलाते हैं कि उक्त योजना के लागू होने से ईलेक्ट्रानिक मेजरमेंट होगा जबकि पूर्व में इन पंचायत मेनुअल मेजरमेंट होता था। इसमें फोटो भी अपलोडिंग साईड यनि कार्य स्थल से ही होगी।
आईपीपीई कैसे करेगा कार्य-
उक्त महत्वपूर्ण योजना आईपीपीई के लिये केन्द्र सरकार द्वारा मनरेगा में कार्य करने वाले मैदानी अमले को टेबलेट एवं मोबाईल देने का प्रावधान रखा गया है जिसेकी कीमत दस हजार रूपये होगी। इसके साथ एक सिम भी दी जायेगी जो कि जीपीआरएस सिस्टम से संचालित होगी। इसकी डिवाईस एनआईसी के माध्यम से केन्द्र सरकार के सर्वर से जुडी रहेगी।
केन्द्र सरकार द्वारा अतिरिक्त राशि-
प्राप्त जानकारी के अनुसार आईपीपीई के लिये प्रयोग किये जाने वाले टेबलेट एवं मोबाईल के लिये केन्द्र सरकार प्रदेश सरकार को दो किस्तों में 25 करोड की राशि प्रदान करेगी। जो कि 6 प्रतिशत प्रशासनिक मद से उपर होगा।
मजदूरी,भुगतान,क्षतिपूर्ति गणनाना-
मजदूरी भुगतान के अधिनियम के पेरा-3 के अनुसार मनरेगा श्रमिकों को मस्टर रोल बंद होने के दिनांक से 15 दिवस की समयावधि में मजदूरी राशि का भुगतान किया जाना प्रावधानित है। भुगतान श्रमिकों के बैंक /पोस्ट आफिस में संधारित बचत खातों के माध्यम से किया जायेगा। वहीं अधिनियम की अनुसूचि -2 के पेरा-29 में क्षतिपूर्ति राशि के भुगतान का प्रावधान किया गया है। इसके अनुसार मस्टर रोल बंद होने के 16 वें दिन क्षतिपूर्ति राशि प्राप्त करने का श्रमिक हकदार माना जायेगा। क्षतिपूर्ति की राशि गणना अप्राप्त मजदूरी राशि 0.05 प्रतिशत के मान से की जायेगी। इसी क्रम में क्षति पूर्ति की गणना के लिये भी मनरेगा साफट के प्रोग्राम मेनेजमेंट इन्फारमेंशन सिस्टम में मस्टर रोल बंद होने के दिनांक से पे आर्डर जारी होने के दिनांक के आधार पर क्षतिपूर्ति राशि की गणना आटोमेटिक तरीके से हो जायेगी। जिले के प्रत्येक प्रकरण के लिये क्षतिपूर्ति राशि की गणना के संबध में मनरेगा साफट वेयर द्वारा प्रतिदिन प्रदर्शित की जायेगी।




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