
वैष्णव टु डे पत्रिका के प्रधान संपादक राजैन्द्र वैष्णव ने पत्रिका के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी। कहा कि यह पत्रिका निशुल्क है। मोबाइल, कम्पयुटर, आईपेड., नोटबुक, लैपटॉप , टेबलेट पर दुनिया के किसी भी कोने से इसको देखा जा सकता है। यह हिन्दी, इग्लिंष, गुजराती, मराठी, तमिल, तेलगु, पंजाबी सहित दुनिया कि सभी भाषा में इसको देखा जा सकता है आदि जानकारी दी।

मैं अपने पुरे जोर के साथ समाज को आगे बड़ाने में लगा हुआ हुँ। जिसमें यह पत्रिका काफी सार्थक होगी जिसमें जरूरत मंद लोगो को पत्रिका के माध्यम से समाज के भामाषाहों तक पहुँचाया जा सकता है।
कार्यक्रम के विष्ष्टि अतिथी देवेन्द्र कुबावत ने कहा कि वैष्णव समाज में काफी प्रतिभाए छुपी हुई हैं। जिसमें से एक प्रतिभा पत्रिका के संपादक के रूप में हमारे समक्ष आई है। उन्होने कहा की आज के इस तकनिकी युग में नवयुवको को यह तो पता है कि फेसबुक क्या हंै ? पर शायद ही उन्हें अपने गोत्र के बारे में पता होगा । नई पीड़ी को समाज हित में काम करने के लिए, समाज से जोड़ने के लिए यह अच्छा प्रयास है।

कार्यक्रमं के मुख्य अतिथी अखिल भारतीय वैष्णव सेवा संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गुरूजी श्री जयप्रकाषजी वैष्णव व अध्यक्ष बालकृष्ण अधिकारी, विष्ष्टि अतिथी देवेन्द्रजी कुबावत व वैष्णव टु डे पत्रिका के मार्गदर्षक षिव शंकर वैष्णव, राजेन्द्र अधिकारी व विष्म्भर अधिकारी, उमेष अधिकारी, ईष्वरदास वैष्णव, हरिष गृहस्थी नानुराम वैष्णव, मनोहर दास वैष्णव, दीलीप अधिकारी,हितेष वैष्णव, अभिषेक वैष्णव, राहुल, दीपक, भुपेन्द्र अग्रावत, लोकेष वैष्णव, लोकेन्द्र वैष्णव ,धमेन्द्र वैष्णव, कृष्णा गृहस्थी, रमा वैष्णव,शांति वैष्णव,तुलसी वैष्णव,विद्या वैष्णव, ललिता वैष्णव, निषा वैष्णव व महिला सम्पादक मोनिका वैष्णव, भारती वैष्णव, आदि थे !
कर्यक्रम का संचालन डाॅ.दीपक ने किया व आभार व्यक्त करते हुए अखिल भारतीय सेवा संघ के बासवाड़ा डुँगरपुर प्रभारी कुलदिप गृहस्थी ने कहा कि हमारे अल्प निवेदन पर जयप्रकाषजी वैष्णव व समाज के सभी लोगो ने पधार कर हमें जो सम्भल प्रदान किया है। उसके लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
संपादक कल्पेष वैष्णव