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Santh Shree Murlidhar Ji Vaishnav

10 जुल॰ 2012

अखिल राजस्थान पुजारी महासभा की प्रदेश कार्यकारिणी, जिलाध्यक्षों एवं तहसिल अध्यक्षों की दो दिवसीय कार्यशाला वैष्णव धर्मशाला पुष्कर में सम्पन्न हुई।

पुष्कर 8 जुलाई रविवार-  अखिल  राजस्थान  पुजारी महासभा  की  प्रदेश कार्यकारिणी,  जिलाध्यक्षों  एवं  तहसिल अध्यक्षों की  दो दिवसीय कार्यशाला वैष्णव धर्मशाला  पुष्कर  में  सम्पन्न  हुई।  महासभा  के  महासचिव खदाव श्रवणदास वैष्णव के अनुसार पुजारियों की मन्दिर डोली भूमी से समबन्धित समस्या के समाधान हेतु दो दिवसीय कार्यशाला सें मंथन किया गया एवं सरकार से इस समस्या को तत्काल सुलझानें की मांग की श्री खदाव के अनुसार सन 1991 में तत्कालीन सराकर ने पुजारी काश्तकारों के नाम, मन्दिर डोली भूमि से विलोपित करने का आदेश देकर पुजारी काश्तकारों की कमर तोड़ दी एंव रही सही कसर 2002 में तत्कालीन सरकार ने इन भूमीयों को तथाकथित मन्दिर कमेटियों के माध्यम से नीलाम करने का आदेश कर पूरी कर दी जिसका परिणाम लाखों पुजारी परिवार शिक्षा की बजाय भीक्षा कि ओर प्रवृत होने को मजबुर हो रहे है। परम्परागत रूप से शालीन इस वर्ग का इन सरकारी आदेशों के कारण जीना दुष्कर हो रहा है। एक और तो यह जनतंात्रिक सरकार जनता के भरण-पोषण एवं विकास का दावा विभिन्न कार्यकर्मों के माध्यम से करती है, वही दुसरी और इस शालीन वर्ग को असामाजिक गतिविधियों की ओर धकेलने का प्रयास कर रही है। सरकारी अन्याय पूर्ण आदेशों के कारण बर्बादी की ओर अग्रसर हो रहा है एवं मन्दिर एवं धार्मिक परम्पराएँ ध्वस्त हो रही। बैठक की अध्यक्षता करते हुए श्री खेमदास वैष्णव ने कहा कि समय रहते मानसून सत्र से पूर्व यदि सरकार ने पुजारियों की जायज मांग को पुरा नही किया तो आगामी समय में आन्दोलन और तेज किया जायेगा और मानसून सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जायेगा और पुजारियों का यह घेराव तब तक समाप्त नही होगा जब तक की पुजारियों को उनका वाजिब हक प्राप्त नही होगा श्री वैष्णव के अनुसार प्रदेश में पुजारी कास्तकारों की स्थिति निरन्तर विकट होती जा रही है जिसकें लिए यह जनतांत्रिक सरकार पूर्णतः जिम्मेदार है। 1991 एवं 2002 और 2003 के सरकारी आदेशों के कारण बाहुबलियों एवं भूमाफियों की काली नजर मन्दिर डोली भूमि पर पड़ी और इन लोगों ने अपनी ताकत और सता का इस्तेमाल कर यें भूमि हड़पने लगे। जिससे पुजारियों को अपने नैसर्गिक हक से वंचित होना पड़ रहा है, किन्तु महासभा पुजारियों की इस लड़ाई को लडती रहेगी एवं जल्द से जल्द समस्या समाधान का हर संभव रास्ता अख्तियार करेगी । इसी कड़ी में जिला स्तरिय सम्पर्क यात्रा का आयोजन दिनांक 1/08/2012 सें 31/08/2012 तक करने का ऐलान किया। 
श्री खदाव ने बताया की प्रदेश भर से आये महासभा के पदाधिकारियों में सरकार के ढीले रवैये के कारण भारी रोष एवं असंतोष उत्पन्न हो रहा है, यदि समयानुरूप समस्या का निस्तारण नही हुआ तो यह रोष अंगारों में परिवर्तित हो जायेगा जो कि मन्दिर परम्परा के अनुकुल नही होगा जिसकी जिम्मेवारी सरकार कि होगी। 
महासभा के इस कार्यक्रम में व्यवस्था भार श्री सुनिल वैष्णव, श्री भलदास, श्री राधेश्याम वैष्णव, श्री रामनिवास वैष्णव एवं धर्मशाला समिति ने सम्भाला।
प्रदेश सचिव श्री श्यामसुन्दर वैष्णव ने सरकार को चेताया की गौरवमयी इतिहास वाले समाज के साथ सरकार तानाशाही रवैया तत्काल बन्द करें अन्यथा आने वाले चुनावों में सरकार को भुगतना पड़ेगा। इसी प्रकार चूरू जिलाध्यक्ष डाॅ. श्री आर.एस. मुहाल ने सामाजिक एकता एवं प्राकृतिक न्याय के लिए निरन्तर संघर्ष का आहवान किया। साथ ही पुजारी वर्ग की गरिमा को ठेस नही पहुँचाने की चेतावनी दी एवं पुजारियो की रोजी रोटी उन्हें पुनः प्रदान करने की मांग की।
श्री खदाव के अनुसार बैठक में महासभा के श्री पदमभारती जी, श्री अशोक भारती, श्री गोरधनदास स्वामी, श्री प्रतापसिंह स्वामी, श्री सीताराम वैष्णव, श्री दयाकृष्ण योगानन्दी, श्री मोहनदास वैष्णव, श्री रामाकिशन रलिया, श्री हंसपुरी गोस्वामी, श्री मीठालाल वैष्णव एवं सभी प्रान्तीय कार्यकारिणी पदाधिकारियों, जिलाध्यक्षो एवं तहसील अध्यक्षो सहित 226 कार्यकर्ताओ ने शिरकत की एवं अपने विचार रखे। 

                                                                                                                                खदाव एस.डी. वैष्णव
                                                                                                                                       महासचिव
प्रधान संपादक  
राजेंद्र वैष्णव 

अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ की राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक की जलकिया ।

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