लोगों में जगी आशा,प्रदूषण फैलाने वालों की नींदे उडी गत दस बर्षो में छब्बीस सौ करोड की खिली फाग मोदी सरकार के एजेंडे में पहले नंबर पर गंगा सफाई |

छब्बीस सौ करोड की खिली थी फाग-
गंगा सहित कुछ और नदियों की साफ-सफाई उनको स्वच्छ एवं सुन्दर बनाने के लिये गत दस बर्षों में 2600 करोड रूपये खर्च होने की बात सामने आयी है। कितना और क्या हुआ सबके सामने है यानि छब्बीस सौ करोड की जमकर फाग खेली गयी। विदित हो कि गत दस बर्षों तक केन्द्र में कांग्रेस के नेतृत्व में चलने वाली यूपीए सरकार ने राज्य किया था। आरटीआई के तहत राष्ट्रीय नदी संरक्षण महानिदेशालय से प्राप्त जानकारी पर दृष्टि डालें तो बर्ष 2000 से 2010 के मध्य देश के 20 प्रदेशों में नदियों के संरक्षण पर बनी राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के अंतर्गत 2607 करोड़ रूपये जारी किए गए थे। प्राप्त जानकारी के अनुसार वित्त वर्ष 2000-01 में 116.98 करोड़ , 2001-02 में 282.52 करोड़ , 2002-03 में 276.89 करोड़ , 2003-04 में 211.53 करोड़ , 2004-05 में 291.16 करोड़ , 2005-06 में 277.23 करोड़ , 2006-07 में 275.48 करोड़ , 2007-08 में 241.93 करोड़ , 2008-09 में 269.13 करोड़ तथा 2009-10 में 367.85 करोड़ रूपये सफाई एवं संरक्षण कार्य के लिये जारी किए गए। ज्ञात हो कि राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के अंतर्गत 20 प्रदेशों की 38 नदियां आती हैं।
गंगा कल्याण रोड मेप तैयार-
उक्त एक अति महत्पूर्ण कार्य को लेकर देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समय सीमा में अन्य कार्यों की तरह इस कार्य को भी पूर्ण करने एवं कराने का उद्ेश्य रखते हैं। इसके लिये उन्होने जिनको जबाबदारी सौंपी है उन मंत्री एवं सचिवों को कार्य योजना बनाने तथा प्रारंभ करने के निर्देश तो शुरू में ही दे दिये थे। सूत्रों की माने तो गंगा कल्याण का पूरा रोडमैप तैयार कर लिया गया है। जीवन दायिनी मां गंगा को गंगोत्री से निकलने एवं बंगाल की खाड़ी में गिरने तक गंगा किस प्रकार निर्मल बनाया जायेगा , कैसे इसके किनारों पर बसे क्षेत्रों स्वच्छ बनाया जायेगा, इसको लेकर एक्शन प्लान तैयार हो चुका है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नमो द्वारा जिन कदवर मंत्रियों को समीति में रखा है वह इसको लेकर ब्लू प्रिंट तैयार करने में लगे हुये हैं। ज्ञात हो कि समीति में जिन मंत्रियों को रखा गया है उनमें उमा भारती, नितिन गडकरी, प्रकाश जवड़ेकर, पीयूष गोयल, श्रीपद नाइक हैं। जबकि सुश्री उमा भारती गंगा प्लान का नेतृत्व कर रही हैं। नमों के अनुसार गंगा सफाई के साथ काशी वाराणसी को वेटिकन सिटी की तर्ज पर इंटरनेशनल टूरिस्ट स्पॉट बनाने का लक्ष्य है। कुछ इसी बात को दृष्ट्रिगत रखते हुये ब्लू प्रिंट तैयार किया जा रहा है।
विरोधियों, दोहनकर्ताओं में हडकंप-
उक्त कार्य के प्रारंभ होने की खबर मिलते ही विरोधियों एवं लगातार गंगा एवं उसके तटों का दोहन तथा गंदा करने वालों में हडकंप मचा हुआ है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बहुत ही कडे निमयों को तैयार किया जा रहा है जिसके तहत सजा एवं जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। बतलाया जाता है कि लाखों एकड जमीन पर माफियाओं ने कब्जा कर रखा है तथा वह इसका दोहन करते हुये प्रतिबर्ष अरबों रूपयों का लाभ कमाते हैं। जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश,उत्तराखण्ड,बिहार एवं पश्चिम बंगाल वह राज्य हैं जहां पर माफिया एवं सरकार में बैठे नुमांइदों के मध्य अच्छी सांठगांठ है तथा इसी का फायदा वह मिलकर उठाते रहते हैं। तटीय क्षेत्रों का दोहन खनिज,रेत माफिया तो करते ही हैं साथ ही कृषि कार्य तो होता ही है साथ ही डेयरी फार्म,फेक्टरी,कालोनियों से निकलने वाली गंदगी भी इसमें छोड दी जाती है। साध्वी सुश्री उमा भारती जैसी तेज तर्रार मंत्री को कमान सौंपी जाने पर उक्त कार्य में बर्षों से लगे लोगों में हडकंप मचा हुआ है।
परिवहन के साथ पर्यटन,वाराणसी से हुगली दौडेंगी नावें-
गंगा सफाई के साथ ही परिवहन एवं पर्यटन को भी बढावा देने की योजना पर भी कार्य प्रारंभ किया जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्यारह टर्मिनलों का निर्माण तथा वाराणसी से हुवली तक नावें चलाने की योजना उक्त प्लान का एक अति महत्वपूर्ण हिस्सा बतलाया जाता है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गंगा डेवलपमेंट प्लान के अंतर्गत सरकार ने ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म की योजना का खाका तैयार हो चुका है बतलाया जाता है कि इसी के तहत वाराणसी से हुगली तक गंगा नदी में मालवाहक तथा यात्री नावें को चलाया जायेगा।
गंगा निर्मलता में इजरायल-
उक्त पवित्र कार्य को पूर्ण करने में भारत का साथ देने के लिये एक और देश ने हाथ आगे बढाया है वह अपना पूर्ण योगदान देना चाहता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार इजराइल ने नमों के इस प्रोग्राम में सहभागिता निभाने के लिये पेशकश की है। सूत्रों के अनुसार देश में इजराइल के राजदूत एलोन उशपिज ने इस प्रकार की बात नमों के सामने रखी है। उनके अनुसार वह वाराणसी में गंगा आरती में सहभागिता निभा चुके हैं एवं नरेन्द्र मोदी की सोच एवं उनके भाषणों से प्रभावित हुये हैं। विदित हो कि इजरायल में जल शोधन,जल प्रबंधन के अनेक उत्कृष्ठ कार्य हुये है जिसकी चर्चा सम्पूर्ण विश्व में होती रहती है। भारत में गुजरात, तमिलनाडु तथा हैदराबाद में जल संबंधित अनेक परियोजनाओं में इजरायल में अपना योगदान दे रहा है।