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Santh Shree Murlidhar Ji Vaishnav

5 जन॰ 2015

पाकेट पार्न के चलते पथ भ्रष्ट होता युवा कमजोर पडता देश - डा.लक्ष्मीनारायण वैष्णव

गांव-गांव फैला कारोबार,बढती घटनाओं का एक बडा कारण  | 
      लव जेहाद,जेहादी बेबसाईडों की तरह यह भी खतरनाक |
                              

                    माना जाता है कि जितना जिस देश का युवा सशक्त,बुद्धिमान होता है वह देश उतना ही बलशाली होता है वह चाहे किसी भी क्षेत्र में क्यों न हो। वह राष्ट्र की मजबूत रीड माना जाता है लेकिन वर्तमान देखा जाये तो इसको कमजोर करने का पूरा प्रयास गत कुछ दशकों से चल रहा है। गत सरकारों की अनदेखी,लापरवाही का परिणाम है कि वर्तमान में अधिकांश युवा या तो नशे की लत या फिर पार्न के प्रभाव में आकर अपना जीवन तो बरवाद तो कर ही रहा है साथ देश को अधिक कमजोर करने की दुश्मनों की साजिश में अपना पूरा योगदान दे रहा है। दुश्मन को तोडने की एक महत्वपूर्ण योजना में आता है कि अगर किसी को तोडना है तो उसके बच्चों को बरबाद कर दो अर्थात् बुरी संगत,आदतों के साथ नशा,पोर्न का शौकीन बना दो। शायद इसी साजिश का शिकार देश हो चुका है जिसके चलते युवाओं का एक बडा वर्ग इसकी चपेट में देखा जा सकता है। युवाओं से तात्पर्य सिर्फ पुरूष वर्ग से नहीं है देश के अनेक क्षेत्रों से आने वाली लगातार खबरों से यह स्पष्ट्र हो जाता है कि महिला वर्ग भी इसकी चपेट में आ चुका है।

पाकेट में पार्न-
         देश के अधिकांश युवाओं के पाकेट में पार्न पहुंच चुका है, तो वहीं साईबर कैफे भी इसमें कम योगदान नहीं दे रहे हैं? अगर पाकेट में पार्न घूम रहा है तो वहीं बेरोकटोक चलने वाले साईवर कैफों में खुला निमंत्रण युवाओं को मिलता है। और प्रारंभ होता है नस्लों को बरबाद करने का सिलसिला ? कानून की कमजोरियों का फायदा उठाते हैं दोनो लोग कानून के रक्षक भी और कानून को धता बताने वाले भी जो देश एवं समाज दोनो को खतरनाक माना जाता है।
पार्न साईडों का आतंक-
         इंटरनेट की आधुनिक दुनिया में इसका जितना फायदा लोगों को हो रहा है तो उतना ही इसका दुरपयोग दुश्मनों द्वारा किया जा रहा है। देखा जाये तो लुभाने विज्ञापनों एवं साईडों के खोलते ही बीच-बीच में पार्न संचालित करने वालों की साईडों प्रवेश जारी हो जाता है। जो युवाओं को अपनी ओर आकर्षित करने का कार्य करता है जिसकी चपेट में आज युवा दिखलायी दे रहा है।
आंतक,लव जेहाद की तरह पार्न भी खतरनाक-
         जानकारों की माने तो आतंक,लव जेहाद की तरह ही पार्न आतंक भारत के लिये किसी बडे खतरें से कम नहीं माना जा सकता है? उक्त तीनों से आखिर होता तो है देश के नागरिकों का ही नुकसान वह चाहे किसी भी माध्यम से हो? बतलाया जाता है कि पार्न की अनगिनित साईडों का आतंक इस समय छाया हुआ है। जानकार बतलाते हैं कि देश की गत सरकारों की लापरवाही एवं अनदेखी का परिणाम है जिसको आज नागरिक एवं देश भोग रहा है? अगर इस पर अंकुश नहीं लगाया गया तो परिणाम अधिक भयाभय हो सकते हैं।
जेहादी साईडों की तरह इस पर लगे लगाम-
           भारत सरकार के द्वारा वर्तमान में उठाये गये जेहादी साईडों को रोकने के कदम की तरह पार्न साईडों पर भी अंकुश लगाने से एक बडे खतरे को रोका जा सकता है। विदित हो कि आईएसएआईएस से जुडी सामग्री को प्रचारित करने वाली लगभग 60 साईडों के लिंक को भारत सरकार ने ब्लाक कर दिया है। एैसा ही एक कदम अगर पार्न को रोकने के लिये किया जाता है तो निश्चित रूप से देश को कमजोर करने की साजिश में लगे दुश्मनों के मंशुबों पर पानी फेरा जा सकता है।

अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ की राष्ट्रीय कार्यकारणी बैठक की जलकिया ।

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